|| तुझसे मेरी किस्मत फितरत है साई ||
तुझसे मेरी किस्मत फितरत है साईं,
की मेरे मुकदर की मरमत तूने साईं
रहमो कर्म है तेरा मेरी मेहनत है साईं
कुछ भी नही था कुछ भी नही है
मेरा मुझपे सब तेरा साईं
मैंने जब बुलाया तू दोडा आया
पल भर में तूने की सुनवाई
तेरा तुझको करता हु अर्पण
तूने दिया साईं मुझको ये जीवन,
दुःख की हुई है विधाई
|| तुझसे मेरी किस्मत फितरत है साई ||
तू दाता दीं दयाला देकर ममता मुझको पाला
प्यार पिता का भी तुझसे मिला है,
तूने ही हर मेरा संकट टाला
और मेरा कोई नही है ठिकाना जाऊ ,
याहा फिर तेरे दर ही आना
मिलती गमो से रिहाई
|| तुझसे मेरी किस्मत फितरत है साई ||
की मेरे मुकदर की मरमत तूने साईं
रहमो कर्म है तेरा मेरी मेहनत है साईं
कुछ भी नही था कुछ भी नही है
मेरा मुझपे सब तेरा साईं
मैंने जब बुलाया तू दोडा आया
पल भर में तूने की सुनवाई
तेरा तुझको करता हु अर्पण
तूने दिया साईं मुझको ये जीवन,
दुःख की हुई है विधाई
|| तुझसे मेरी किस्मत फितरत है साई ||
तू दाता दीं दयाला देकर ममता मुझको पाला
प्यार पिता का भी तुझसे मिला है,
तूने ही हर मेरा संकट टाला
और मेरा कोई नही है ठिकाना जाऊ ,
याहा फिर तेरे दर ही आना
मिलती गमो से रिहाई
|| तुझसे मेरी किस्मत फितरत है साई ||
शिर्डी की गलियों में जब से मैं आया
यही घूमता मैंने अपने दिल को पाया,
जीवन था रुखा रुखा याहा था
तुमने ही साईं सुख से सजाया ,
जब दुनिया के गम मुझको सताए
सच केहता हु साईं तेरी याद आये,
तूने कभी देर न लगाई
|| तुझसे मेरी किस्मत फितरत है साई ||
जाने कहा सोता था भाग्ये जगाया
कष्टों को मेरे सुख से हराया,
मेरे जैसे कितने तुझको है साईं
मेरे लिए रब ने तुझे ही बनाया,
संजीव कोहली का है इरादा
शिर्डी में बस जाऊ मांगू नही ज्यादा,
नही देना रुसवाई
|| तुझसे मेरी किस्मत फितरत है साई ||
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