ये प्रयागराज है
तीर्थों का सिरमौर है।
जहाँ संगम का संग है,
तीन धाराओं का ठौर है।
गंगा, यमुना, सरस्वती,
मिलती यहाँ के घाट पर।
धर्म की ये भूमि है,
संतों के आशीर्वाद पर।
यहाँ की मिट्टी पावन है,
ऋषियों का ये धाम है।
स्नान कर लो संगम में,
मिट जाएंगे सब पाप यहाँ।
ये प्रयागराज है,
तीर्थों का सिरमौर है।
जहाँ संगम का संग है,
तीन धाराओं का ठौर है।
कुंभ का मेला लगता है,
जग भर से आते लोग।
हर-हर गंगे के संग,
गूँजते हैं भक्तों के जोग।
पवित्र है ये भूमि,
जहाँ खुद देवता आते हैं।
प्रयागराज के दर्शन से,
सब पुण्य कमाते हैं।
ये प्रयागराज है,
तीर्थों का सिरमौर है।
जहाँ संगम का संग है,
तीन धाराओं का ठौर है।
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