महाकुंभ में हर पाप का प्रक्षालन हो (mahaakumbh mein har paap ka prakshaalan ho lyrics in hindi) -
"महाकुंभ में हर पाप का प्रक्षालन हो" एक प्रसिद्ध भजन है जो महाकुंभ मेला और गंगा स्नान के धार्मिक महत्व को दर्शाता है। इसके बोल कुछ इस प्रकार हैं:
महाकुंभ में हर पाप का प्रक्षालन हो
महाकुंभ में हर पाप का प्रक्षालन हो,
गंगा के इस पावन जल में स्नान हो।
गंगा के इस पावन जल में स्नान हो।
पापों से मुक्त होकर जीवन संवर जाए,
भगवान की कृपा से हर मन शुद्ध हो जाए।
महाकुंभ में हर पाप का प्रक्षालन हो,
गंगा के इस पावन जल में स्नान हो।
हर एक भक्त को मिले आशीर्वाद का वरदान,
शांति और सुख की प्राप्ति हो इस महान आयोजन में।
महाकुंभ में हर पाप का प्रक्षालन हो,
गंगा के इस पावन जल में स्नान हो।
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