महाकुंभ में हर मन का शुद्धिकरण हो (mahaakumbh mein har man ka shuddhikaran ho lyrics in hindi) - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind


महाकुंभ में हर मन का शुद्धिकरण हो (mahaakumbh mein har man ka shuddhikaran ho lyrics in hindi) - 


महाकुंभ में हर मन का शुद्धिकरण हो

गंगा मइया की कृपा से, कल्याण का सृजन हो।

हर-हर गंगे की गूंज से, पावन हो जीवन,

महाकुंभ में हर मन का शुद्धिकरण हो।


(1)

पापों का हरण कर, पुण्य का संचार हो,

गंगा के जल से, मन निर्मल और उदार हो।

त्रिवेणी के संगम में, अमृत का वरण हो,

महाकुंभ में हर मन का शुद्धिकरण हो।


(2)

संतों की वाणी, शांति का संदेश दे,

भक्ति की गंगा, हर हृदय में प्रवेश दे।

आत्मा का जागरण, और सच्चा दर्शन हो,

महाकुंभ में हर मन का शुद्धिकरण हो।


(3)

हर कंठ में गूंजे, हर-हर गंगे का नाद,

भक्ति और श्रद्धा से, मिट जाए हर विवाद।

प्रेम और समर्पण से, नया आरंभन हो,

महाकुंभ में हर मन का शुद्धिकरण हो।

 

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