कुंभ मेला में शांति और मोक्ष (kumbh mele mein shaanti aur moksh lyrics in hindi)
कुंभ मेला में शांति और मोक्ष
कुंभ मेला की पावन धारा,
जहाँ मिलता है सच्चा प्यार।
संगम की रेती पर बसा,
शांति का आशीर्वाद अपार।
नदियों में स्नान करके,
मन को शुद्ध करें हम।
पापों का नाश हो जाता,
सभी को मिलती है मुक्ति का दम।
हर हर गंगे, हर हर गंगे,
जय जय गंगे, मोक्ष की गंगे।
संगम के तट पर हर कोई,
ध्यान लगाता है, बहे जो गंगे।
शांति की बयार चलती है,
हर दिल में प्रेम की रौशनी।
कुंभ मेला का संगम है,
मोक्ष की ओर एक राह दिखाए।
हर कोई यहाँ पर आता है,
अपने कर्मों को धोने।
शांति और मोक्ष की ओर,
हम सबको ले जाता है ये कुंभ।
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