श्रित कमलाकुच (गीत गोविन्द) - geet govind lyrics in hindi - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

श्रित कमलाकुच (गीत गोविन्द) - Geet Govind Lyrics in hindi


श्रितकमलाकुचमण्डल धृतकुण्डल ए।

कलितललितवनमाल जय जय देव हरे॥


दिनमणिमण्डलमण्डन भवखण्डन ए।  

मुनिजनमानसहंस जय जय देव हरे ॥


कालियविषधरगंजन जनरंजन ए।

यदुकुलनलिनदिनेश जय जय देव हरे ॥


मधुमुरनरकविनाशन गरुडासन ए।

सुरकुलकेलिनिदान जय जय देव हरे ॥


अमलकमलदललोचन भवमोचन ए।

त्रिभुवनभवननिधान जय जय देव हरे ॥


जनकसुताकृतभूषण जितदूषण ए।

समरशमितदशकण्ठ जय जय देव हरे ॥


अभिनवजलधरसुन्दर धृतमन्दर ए।

श्रीमुखचन्द्रचकोर जय जय देव हरे ॥


तव चरणे प्रणता वयमिति भावय ए।

कुरु कुशलंव प्रणतेषु जय जय देव हरे ॥


श्रीजयदेवकवेरुदितमिदं कुरुते मृदम् ।

मंगलमंजुलगीतं जय जय देव हरे ॥


राधे कृष्णा हरे गोविंद गोपाला नन्द जू को लाला ।

यशोदा दुलाला जय जय देव हरे ॥


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