जय-जय गंगे, जय महाकुंभ (jay-jay gange, jay mahaakumbh lyrics in hindi)
(राग: भक्ति रस)
जय-जय गंगे, जय महाकुंभ,
संगम तट पर हर दिल है उमंग।
पुण्य की गंगा बहती जाए,
हर मन में भक्ति का दीप जलाए।
जय-जय गंगे, जय महाकुंभ।
गंगा मैया की धारा पवित्र,
हर पाप को धोए, हर मन हो निर्मल।
संगम की महिमा है अद्भुत न्यारी,
हर भक्त का जीवन हो उजियारी।
हरि का नाम गूँजे हर दिशा में,
आस्था की गंगा बहती है यहाँ।
जय-जय गंगे, जय महाकुंभ,
संगम तट पर हर दिल है उमंग।
संगम तट पर भक्तों का मेला,
हर मन में भक्ति का हो हर्ष और जश्न।
डुबकी लगाकर पाप मिटाए,
सत्संग की गंगा में मन रमाए।
हर दिल में हो हरि का नाम,
आओ मिलकर करें भक्ति का काम।
जय-जय गंगे, जय महाकुंभ,
संगम तट पर हर दिल है उमंग।
साधु-संतों का संग सुहाना,
ज्ञान और भक्ति का हो एक तराना।
हर कदम पर हो हरि का साथ,
संगम तट पर हो जीवन का साथ।
गंगा के जल में मिल जाए अमृत,
प्रेम और शांति का हो हर पल सुखद।
जय-जय गंगे, जय महाकुंभ,
संगम तट पर हर दिल है उमंग।
शंखनाद और घंटों की गूँज,
हर भक्त का मन हो अभिभूत।
गंगा की लहरों में हरि का वास,
सत्यम्, शिवम्, सुंदरम् का हो आभास।
जो भी यहाँ श्रद्धा से आए,
उसका जीवन सुख से भर जाए।
जय-जय गंगे, जय महाकुंभ,
संगम तट पर हर दिल है उमंग।
महाकुंभ का मेला है अद्भुत,
प्रेम और भक्ति का हो उत्सव।
गंगा मैया की महिमा गाएँ,
हर दिल में भक्ति का दीप जलाएँ।
संगम की पावन धारा में,
हर जन का जीवन हो आशीर्वाद से भरा।
जय-जय गंगे, जय महाकुंभ,
संगम तट पर हर दिल है उमंग।
गंगा मैया की कृपा से हो जीवन पवित्र,
संगम तट पर हर मन हो निर्मल।
आओ मिलकर करें भक्ति का राग,
हर दिल में बस जाए हरि का भव्य राग।
जय-जय गंगे, जय महाकुंभ,
संगम तट पर हर दिल है उमंग।
भजन का महत्व
यह गीत महाकुंभ के अद्भुत उत्सव और गंगा मैया की महिमा को प्रदर्शित करता है। इसे गाते हुए भक्तों में आस्था और प्रेम का एक अद्भुत संगम बनता है, जो जीवन को शांति और दिव्यता से भर देता है।
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