चारों धाम का संगम प्यारा (chaaron dhaam ka sangam pyaara lyrics in hindi)
(राग: भक्ति रस)
चारों धाम का संगम प्यारा,
युगों-युगों से है ये न्यारा।
गंगा-यमुना और सरस्वती,
भक्ति का सागर हिलोर मारा।
चारों धाम का संगम प्यारा।
ऋषि-मुनियों की भूमि ये पावन,
सत्य और धर्म का है आँगन।
हर कण में है आशीर्वाद भरा,
हर लहर में है मोक्ष का सहारा।
जो भी आए, पुण्य कमाए,
हरि के दर पर शरण पाए।
चारों धाम का संगम प्यारा,
युगों-युगों से है ये न्यारा।
सूरज की किरणें जब चमकें,
गंगा की लहरें मोती बरसाएँ।
भक्तों का सागर उमड़ा जाए,
हरि का नाम सबको भाए।
ध्यान लगाए साधु-संत,
भक्ति से भर दें हर एक अंत।
चारों धाम का संगम प्यारा,
युगों-युगों से है ये न्यारा।
डुबकी लगाकर जो भी आए,
अपने पाप सभी हरि में बहाए।
आस्था की गंगा में जो नहाए,
उसके जीवन में उजाला छाए।
संगम की महिमा अद्भुत न्यारी,
हर जन को देती ये शुभकारी।
चारों धाम का संगम प्यारा,
युगों-युगों से है ये न्यारा।
शंख-घंटा और मंत्रों की गूँज,
हर दिशा में हो जाती पूज।
भक्ति की जोत जलाए रखे,
हर मन को प्रेम से भर दे।
धूप-दीप और पुष्प चढ़ाएँ,
हरि चरणों में शीश नवाएँ।
चारों धाम का संगम प्यारा,
युगों-युगों से है ये न्यारा।
महाकुंभ का मेला है अद्भुत,
भक्तों के मन में प्रेम का स्रोत।
साधु-संतों का संग सुहाना,
हरि नाम का गूँजे तराना।
इस पावन स्थल पर जो भी आए,
जीवन में सुख-शांति पाए।
चारों धाम का संगम प्यारा,
युगों-युगों से है ये न्यारा।
गंगा मैया की जय-जय बोलो,
संगम तट पर दीप जलाओ।
भक्ति की गंगा में डूब चलो,
हरि के चरणों में ध्यान धर लो।
सत्य, प्रेम, और धर्म की राह,
यही सिखाता संगम का पाठ।
चारों धाम का संगम प्यारा,
युगों-युगों से है ये न्यारा।
यह गीत संगम की पवित्रता, चार धामों की महिमा और भक्ति की गहराई को दर्शाता है। इसे गाते हुए हर भक्त का मन श्रद्धा और भक्ति से भर जाएगा।
If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks