भक्तों की टोली आई रे (bhakton kee tolee ai re lyrics in hindi)
(राग: भक्ति रस)
भक्तों की टोली आई रे,
आस्था की ज्योति लाई रे।
गंगा मैया के चरणों में,
श्रद्धा की गंगा बहाई रे।
भक्तों की टोली आई रे।
संगम तट पर धूम मचाए,
हरि का नाम सब गुनगुनाए।
शंख-घंटा की ध्वनि सुहानी,
हर मन को करती दिव्य कहानी।
हरि के दर्शन पाने को,
सबने भक्ति सजाई रे।
भक्तों की टोली आई रे,
आस्था की ज्योति लाई रे।
डुबकी लगाकर पाप मिटाए,
हरि की कृपा से सुख पाए।
पुण्य कमाने संगम पहुँचे,
मोक्ष की राह यहाँ से खोजे।
हर लहर में हरि का वास,
हर मन में प्रेम जगाई रे।
भक्तों की टोली आई रे,
आस्था की ज्योति लाई रे।
संत-महात्मा करें उपदेश,
सत्य-धर्म की बात विशेष।
भक्तों का संग पावन हो,
हर मन का अंधकार दूर हो।
गंगा तट पर दीप जलाए,
प्रेम की जोत जलाई रे।
भक्तों की टोली आई रे,
आस्था की ज्योति लाई रे।
भजन-कीर्तन की गूँज सुहानी,
हर दिशा में फैले कहानी।
गंगा मैया की जय-जयकार,
संगम तट पर हो उद्धार।
हरि के चरणों में शीश झुकाए,
मन में भक्ति बसाई रे।
भक्तों की टोली आई रे,
आस्था की ज्योति लाई रे।
महाकुंभ का मेला अद्भुत,
हर भक्त का मन हो निर्मल।
गंगा की धारा सबको बुलाए,
प्रेम और शांति का पाठ सिखाए।
जो भी यहाँ श्रद्धा से आए,
जीवन का अमृत पाए रे।
भक्तों की टोली आई रे,
आस्था की ज्योति लाई रे।
हरि नाम का ये उत्सव प्यारा,
हर मन को बनाता उजियारा।
गंगा मैया की महिमा गाएँ,
भक्ति के दीप जलाएँ।
संगम तट पर प्रेम लुटाएँ,
सबको मोक्ष दिलाई रे।
भक्तों की टोली आई रे,
आस्था की ज्योति लाई रे।
यह गीत महाकुंभ के भक्तिमय माहौल और भक्तों के समर्पण को सुंदरता से प्रस्तुत करता है। इसे गाते हुए आस्था और भक्ति का अनोखा अनुभव होता है।
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