गिरिराज धरण मैं तेरी शरण मेरे सब संताप मिटा देना लिरिक्स
गिरिराज धरण मैं तेरी शरण,
मेरे सब संताप मिटा देना,
नैय्या मेरी मँझधार पड़ी ,
मेरा बेड़ा पार लगा देना……..
करमों पर ध्यान लगाओगे,
मेरे दोष ना तुम गिन पाओगे,
मैं जैसा भी हूँ तेरा हूँ ,
वैसा ही मुझे अपना लेना,
गिरिराज धरण मैं तेरी शरण
मेरे सब संताप मिटा देना......
माया ने जब से घेरा है,
बस चारों ओर अंधेरा है,
इस अंधियारे जीवन में प्रभु,
छोटा सा दीप जला देना,
गिरिराज धरण मैं तेरी शरण
मेरे सब संताप मिटा देना……..
पापी हूँ और व्यभिचारी हूँ,
पर अब मैं शरण तिहारी हूँ,
तेरे चरणो का मैं सेवक हूँ,
मेरी बिगड़ी नाथ बना देना,
गिरिराज धरण मैं तेरी शरण
मेरे सब संताप मिटा देना..
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