आच्छा लागे से लिरिक्स - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind



आच्छा लागे से लिरिक्स 


खाटू धाम का नजारा बड़ा क्यूट सांवरे,

भक्तां का दिल लेता लूट सांवरे।

बोलूं सांची सांची कोन्या बोलूं झूठ सांवरे,

तेरा मेरा प्यार स अटूट सांवरे।


खाटू धाम की ये रेत, राखे भक्तां स हेत,

बाबा सेठां का तू सेठ, मन आच्छा लागे से।

तेरा साँचा दरबार, लीले घोड़े का सवार,

बाबा तेरा यो परिवार, मन अच्छा लागे से।


तेरा भोग प्रसाद, घड़ी घड़ी आवे याद,

तेरे चूरमे का स्वाद, मन अच्छा लागे से।

वो निशान का उठाना, श्याम कुंड में नहाना,

बाबू खाटू धाम आना-जाना,मन अच्छा लागे से।


तेरे प्रेम का ही होया, यो असर सांवरे,

चारों कानी आवे तू, नजर सांवरे।

मैं तो तब से ही होया, बेफिक्र सांवरे,

मैंने पकड़ी जो खाटू की डगर सांवरे।


तेरी कृपा का ना तोड़, मैंने काडा यो निचोड़,

रींगस खाटू का वो रोड, मन अच्छा लागे से।

खाटू धाम की ये रेत, राखे भक्तां स हेत,

बाबा सेठां का तू सेठ, मन आच्छा लागे से।


कैसे भूलूंगा मैं, तेरा एहसान सांवरे,

तुम से ही, मेरी पहचान सांवरे।

तूने होठों पर बिखेरी, मुस्कान सांवरे,

किस्मत हुई है, मेहरबान सांवरे।


नरसी धरता तेरा ध्यान, अटकी तेरे में है जान,

करना तेरा गुणगान, मन अच्छा लाग से।

खाटू धाम की ये रेत, राखे भक्तां स हेत,

बाबा सेठां का तू सेठ, मन आच्छा लागे से।


वो निशान का उठाना, श्याम कुंड में नहाना,

बाबू खाटू धाम, आना-जाना अच्छा लागे से।


ओम श्री श्याम देवाय नमः,

ओम श्री श्याम देवाय नमः,

ओम श्री श्याम देवाय नमः,

ओम श्री श्याम देवाय नमः,

ओम श्री श्याम देवाय नमः।।


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