कृपा की जो आदत है प्रभु जी तुम्हारी ( Kripa Ki Jp Aadat Hai Prabhu Ji Tumhari Lyrics in Hindi)

Deepak Kumar Bind


 कृपा की जो आदत है प्रभु जी तुम्हारी ( Kripa Ki Jp Aadat Hai Prabhu Ji Tumhari Lyrics in Hindi)


कृपा की ना होती जो,

आदत तुम्हारी,

तो सूनी ही रहती,

अदालत तुम्हारी।।


जो दिनों के दिल में,

जगह तुम न पाते,

तो किस दिल में होती,

हिफाजत तुम्हारी।

कृपा की ना होती जों,

आदत तुम्हारी।।


ना मुल्जिम ही होते,

ना तुम होते हाकिम,

ना घर घर में होती,

इबादत तुम्हारी।

कृपा की ना होती जों,

आदत तुम्हारी।।



ग़रीबों की दुनिया है,

आबाद तुमसे,

ग़रीबों से है,

बादशाहत तुम्हारी।

कृपा की ना होती जों,

आदत तुम्हारी।।


तुम्हारी उल्फ़त के,

द्रग ‘बिन्दु’ हैं ये,

तुम्हें सौंपते है,

अमानत तुम्हारी।

कृपा की ना होती जों,

आदत तुम्हारी।।


कृपा की ना होती जो,

आदत तुम्हारी,

तो सूनी ही रहती,

अदालत तुम्हारी।।


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