हे नाथ क्या ये विनती स्वीकार अब न होगी लिरिक्स (Hey Nath Kya Ye Vinti Lyrics in Hindi)

Deepak Kumar Bind


 हे नाथ क्या ये विनती स्वीकार अब न होगी लिरिक्स (Hey Nath Kya Ye Vinti Lyrics in Hindi)


हे नाथ क्या ये विनती,

स्वीकार अब न होगी,

आश्रित पे अनुग्रह की,

भरमार अब न होगी।।


पतितों के तारने के,

किस्से पड़े पुराने,

क्या एक नई कहानी,

तैयार अब न होगी,

हे नाथ क्या यें विनती,

स्वीकार अब न होगी।।


गर है स्वभाव बदला,

तो साफ साफ कह दो,

हुई बार बार करूणा,

इस बार अब न होगी,

हे नाथ क्या यें विनती,

स्वीकार अब न होगी।।


रहते थे जिसके बस में,

जो आपको था प्यारा,

उस प्रेम की भी शायद,

दरकार अब न होगी,

हे नाथ क्या यें विनती,

स्वीकार अब न होगी।।



दुख दूर कर दो ताकि,

‘राजेश’ भी ये बोले,

एहसान मानता हूँ,

तकरार अब न होगी,

हे नाथ क्या यें विनती,

स्वीकार अब न होगी।।


हे नाथ क्या ये विनती,

स्वीकार अब न होगी,

आश्रित पे अनुग्रह की,

भरमार अब न होगी।।


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