हे जगतारन देवी दुर्गा मईया (He Jagtaran Devi in HIndi)

Deepak Kumar Bind

 हे जगतारन देवी दुर्गा मईया (He Jagtaran Devi in HIndi)


।। हे जगतारन देवी दुर्गा मईया ।।

कइसे करबो दाई तोर बिदाई, लागत हावे भारी करलाई ।।

जोत जावरा लागे उसलईया... हे जगतारन देवी...


जब जब तोला देखेव मईया, तोरे मुहरन फूले वो मां

नजरे नज़र मा झूले तैहर, आंतस कइसे भूले वो मां

जैसे बेटी पहुना तिजा आथे, जोरे माया ला वोहर चले जाथे

अइसन दया माया के हस जगईया.... हे जगतारन देवी


नव दिन पूजा बरत करेहव, दशमी के तोला पठोहू वो मां

चलगे पुरखा के अलग चलागन, सगुरी मां तोला सरोहू वो मां

कईसन कईसन रचना ला बनाए, नेंग जोंग गढ़के रसदा ला बताए।

जान तीही हर दाई जनम देवईया... हे जगतारन देवी


माता बिदाई के आथे बेरा मन ह मोर सुररथे वो मां

काबर आथे ये दिन बादर कहिके जीवरा चुरथे वो मां

छाती फाटे नयना आसू ढारे, तोर बिनाअब करिही माया दुलारे

काहा पाबे गौतम अचरा के छईहा.... हे जगतारन देवी


।।कइसे करबो दाई तोर बिदाई, लागत हावे भारी करलाई।।

जोत जावरा लागे उसलईया... हे जगतारन देवी


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