क्यों नशेयां दे विच पै गयो वे(kyon nasheyan de vich pai gyo ve lyrics in hindi) - bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 क्यों नशेयां दे विच पै गयो वे(kyon nasheyan de vich pai gyo ve lyrics in hindi)


इह धरती गुरूआं पीरां दी, ऋषियां- मुनीयां फकीरां दी।

गुरूबाणी पढ़दा सुनदा सै, क्यों मंदे कमी पै गयो वे- चट्ट


ला टीके जान गंवाई जानै, क्यों मौत नूं गले लगाई जानै।

क्यों वसदे घर उजाड़ रहयो, तूं किसदी बैंहणी बैंह गयो वे- चट्ट..


इह जीवन रब्बी अमानत वे, करी जावें क्यों तूं खियानत वे,


क्यों देश समाज कानूंन तों, बेखौफ तूं हुदा जा रहयो वे- चट्ट..


मां बाप दी वे जिंदजान है तू, घर- बार पिंड दी शान है तूं.

क्यों चढ़दी जवानी ते आरा, पतझड़ दा तूं चला रहयों वे-चट्ट..


जा धरतीपुतर किसान तूं बन, जा फौजी वीर जवान तू बन,

खा दुध दहीं मखन घियो वीरा, क्यों मिठा मौहरा खा रहयो वे-चट्ट..


असीं सब तेरे हमदर्दी वे, तैनू मुड़ मुड़ कर दे अर्जी वे


जा नशा छोड़ाउ केन्द्र विच, क्यों घरे लुक के बैह गयो वे-चट्ट..


औधे बिल्कुल मुफत इलाज होवे, औथे जिंदगी मुड़ आबाद होवे,

तूं नशा मुक्त हो जावेंगा, गल ‘‘मधुप’’ पते दी कह रिहा वे- चट्ट.।


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