घना दिन सो लियो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग (Ghanan Din So Liyo Re Ab To Jaag Musafir Jaag Lyrics in Hindi) - Chetawani Bhajan Satish Dehra - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 

घना दिन सो लियो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग (Ghanan Din So Liyo Re Ab To Jaag Musafir Jaag Lyrics in Hindi) - 


घना दिन सो लियो, रे 

अब तो जाग मुसाफिर जाग


पहला सूत्यो मात 

गरभ में पुन्दा पैर पसार

हाथ जोड़ कर बहार 

निकल्यो हरी ने दियो बिसराए

जनम तेरा हो लिया रे 

अब तो जाग मुसाफिर जाग

घना दिन सो लियो, रे 

अब तो जाग मुसाफिर जाग


दूजा सूत्यो मात गोद में 

हस हस दन्त दिखाए

बहन भांजी लोट 

जिमावे गावें मंगलाचार

लाड तेरा हो लिया रे 

अब तो जाग मुसाफिर जाग

घना दिन सो लियो, रे 

अब तो जाग मुसाफिर जाग


तीजा सूत्यो पिया सेज में 

मन में बहुत उछाल

त्रिया चरित इक जाल 

रचेयो रे हरी ने दियो बिसराए

बिआह तेरा हो लिया रे 

अब तो जाग मुसाफिर जाग

घना दिन सो लियो, रे 

अब तो जाग मुसाफिर जाग


चौथा सूत्यो शमशाना में 

लंबा पैर पसार

कहत कबीर सुनो रे 

भाई साधो दीनी आग लगाए

दाग तेरा हो लिया रे 

अब तो जाग मुसाफिर जाग

घना दिन सो लियो, रे 

अब तो जाग मुसाफिर जाग


*** Singer : Satish Dehra ***


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