तेरी शीतल शीतल मूरत लख (Teri Shital Shital Murat lakhh Lyrics in Hindi) - Jain Bhajan - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 

तेरी शीतल शीतल मूरत लख (Teri Shital Shital Murat lakhh Lyrics in Hindi) - Jain Bhajan:-

तेरी शीतल शीतल मूरत लख (Teri Shital Shital Murat lakhh Lyrics in Hindi) - Jain Bhajan - Bhaktilok

तेरी शीतल शीतल मूरत लख (Teri Shital Shital Murat lakhh Lyrics in Hindi):-


तेरी शीतल शीतल मूरत लख,

कही भी नजर ना जमे, प्रभु शीतल ||

सूरत को निहारे पल पल तव 

छवि दूजी नजर ना जमे, प्रभु शीतल ||


भव दुख दाह सही है घोर 

कर्म बली पर चला न जोर,

तुम मुख चन्द्र निहार मिली अब,

परम शान्ति सुख शीतल ठोर,

निज पर का ज्ञान जगे घट में 

भव बंधन भीड़ थमे, प्रभु शीतल ||


तेरी शीतल शीतल. सकल ज्ञेय के

 ज्ञायक हो एक तुम्ही जग नायक हो,

वीतराग सर्वज्ञ प्रभु तुम निज 

स्वरूप शिवदायक हो,

‘सौभाग्य” सफल हो नर जीवन, 

गति पंचम धाम धमे, प्रभु शीतल ||


तेरी शीतल शीतल मूरत लख, 

कही भी नजर ना जमे, प्रभु शीतल ||

तेरी शीतल शीतल ……


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