जानिये शास्त्रानुसार सूर्य नमस्कार क्या होता है (Shastranusar Surya Namskar Kya Hota Hai):-
जानिये शास्त्रानुसार सूर्य नमस्कार क्या होता है (Shastranusar Surya Namskar Kya Hota Hai): –
आदित्यस्य नमस्कारान् ये कुर्वन्ति दिने दिने।
आयुः प्रज्ञा बलं वीर्यं तेजस्तेषां च जायते ॥
जो भी मनुष्य सूर्य नमस्कार प्रतिदिन करते है, उनकी आयु , प्रज्ञा, बल, वीर्य और तेज बढ़ता है और इसके साथ ही सूर्य नमस्कार प्रतिदिन करने से त्वचा से जुड़े हुए रोग दूर होते है |
मनुष्य शरीर में कब्ज और उदर रोगों में भी सूर्य नमस्कार करने से चमत्कारिक रूप से लाभ मिलता है | पाचन तंत्र के सभी विकार दूर होने लगते है और पाचन तंत्र मजबूत होता है |
सूर्य देवता इस समस्त ब्रह्माण्ड का मित्र है। क्योंकि इससे पृथ्वी माता समत सभी ग्रहों के अस्तित्त्व के लिए आवश्यक असीम प्रकाश, ताप तथा ऊर्जा प्राप्त होती है। नमस्कारासन ( प्रणामासन) स्थिति में समस्त जीवन के स्त्रोत को नमन किया जाता है।
पौराणिक ग्रन्थों में मित्र कर्मों के प्रेरक धरा-आकाश के पोषक तथा निष्पक्ष व्यक्ति के रूप में चित्रित किया है।
प्रातःकालीन सूर्य भी दिवस के कार्यकलापों को प्रारम्भ करने का आह्वान करता है, तथा सभी जीव-जन्तुओं को अपना प्रकाश प्रदान करता है।
सूर्य के बारह मंत्र हैं। सूर्य नमस्कार के प्रत्येक भाग को शुरू करने से पहले आपको प्रत्येक मंत्र को दोहराना होगा। सूर्य नमस्कार के एक भाग में 12 चरण (अर्थात सूर्य नमस्कार के 12 मंत्र) होते हैं।
आसन के प्रत्येक में 5 सेकंड का समय लगेगा। जब तक आप एक चक्र पूरा करते हैं, तब तक इसमें एक मिनट का समय भी लग जाएगा। इस सेट को सभी बारह मंत्रों के लिए दोहराया जाना है।
जब आप एक चक्र पूरा करते हैं, तब तक यह लगभग कुल 12 से 15 मिनट का होगा। समय इस बात पर निर्भर करता है कि आप प्रत्येक आसन पर कुल कितना समय व्यतीत करते हैं। कुल बारह मंत्र नीचे सूचीबद्ध हैं। प्रत्येक मंत्र की शुरुआत ओम् से होनी चाहिए।
सूर्य नमस्कार की प्रत्येक मुद्रा में मंत्र दोहराए जा सकते हैं, यदि इन मंत्रों को दोहराते हुए सूर्य नमस्कार किया जाता है ,तो व्यक्ति अपने जीवन में बहुत लाभ प्राप्त कर सकता है।
If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks