महा कनक दुर्गा विजया कनकदुर्गा (Maha Kanak Durga Vijaya KanakDurga Lyrics in Hindi) -
महा कनकदुर्गा विजया कनकदुर्गा
पराशक्ति ललिता शिवानंद चरित
महा कनकदुर्गा विजया कनकदुर्गा
पराशक्ति ललिता शिवानंद चरित
सिवानकारी शुभंकारी पूर्णचंद्र कलादारी
ब्रह्मा विष्णु महेश्वर की रचना के स्रोत हैं
अष्टादश वह अधिशक्ति है जो पीठों पर विराजमान है
महा कनकदुर्गा विजया कनकदुर्गा
पराशक्ति ललिता शिवानंद चरित
ओमकारा रावला अलाला कृष्ण के तट पर
कृत युग में इंद्रकिला पहाड़ी पर वेलेसेनु
इसी पहाड़ी पर अर्जुन ने तपस्या की थी
उन्होंने भगवान शिव को प्रसन्न किया और पाशुपतम प्राप्त किया
विजयी अर्जुन के नाम पर इस शहर को विजयवाड़ा के नाम से जाना जाता है
सभी संसार अनित्य एवं अदृश्य हैं
मेलिमी पीले रंग के साथ मिश्रित एक सुनहरी गांठ है
कोटि कोटि प्रभातला अरुणिमाये कुमकुमा
एक काली नाक की नथ जो माँ ने माँगकर पहनी थी
दुर्गा प्रेम और करुणा का स्वरूप हैं
यह तीनों देवों के लिए मोक्ष का दीपक है
महा कनकदुर्गा विजया कनकदुर्गा
पराशक्ति ललिता शिवानंद चरित
देवी नवरात्र के दौरान वैदिक मंत्रोच्चार से पूजा की जाती है
देवी कनकदुर्गा जो स्वर्ण कवच पहनती हैं
भवबंदला बापे बाला त्रिपुरसुन्दरी
अन्नपूर्णा देवी जो नित्यानंद की रचना करती हैं
गायत्री सुमंत्र मूर्ति है जो विश्व शांति की रक्षा करती है
महालक्ष्मी वह दिव्य रूप हैं जो लोगों को धन प्रदान करती हैं
वेदमयी सरस्वती शिक्षा की कवयित्री हैं
महादुर्गा स्वास्थ्य और प्रसन्नता प्रदान करती हैं
शत्रु विनाशिनी शक्ति स्वरूपिणी महिषासुरमर्दिनी
विजयकारिणी अभय रूपिणी श्रीराजराजेश्वरी
सभी भक्तों के लिए आँखों का त्योहार
अम्मा आपकी दृष्टि हैं, दुर्गम्मा आपकी दृष्टि हैं
महा कनकदुर्गा विजया कनकदुर्गा
पराशक्ति ललिता शिवानंद चरित
महा कनकदुर्गा विजया कनकदुर्गा
पराशक्ति ललिता शिवानंद चरित
*** Singer : S Janaki ***
Singer : S Janaki
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