माँ चिंतपूर्णी चालीसा लिरिक्स (Maa Chintpurni Chalisa Lyrics in Hindi) - Rahul pathak Mata Chintpurni - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 

माँ चिंतपूर्णी चालीसा लिरिक्स (Maa Chintpurni Chalisa Lyrics in Hindi) - 


श्री गणेशाय: नम :

जय मां छिनमस्तिका

चित में वसो चिंतपूर्णी 

छिन्मस्तिका मात |

सात बहन की लाड़ली 

हो जग में विख्यात |


माईदास पर की कृपा

रूप दिखाया श्याम|

सब की हो वरदायनी

शक्ति तुमे प्रणाम |


छिन्मस्तिका मात भवानी

कलिकाल में शुभ कलियानी|

सती आपको अंश दिया है 

चिंतपूर्णी नाम किया है |


चरणों की है लीला न्यारी

चरणों को पूजा हर नर नारी |

देवी देवता नतमस्तक 

चैन नाह पाये भजे न जब तक |


शांत रूप सदा मुस्काता 

जिसे देख आनंद आता |

एक और कलेश्वर सजे 

दूसरी और शिववाड़ी विराजे |


तीसरी और नारायण देव 

चौथी और मुचकुंद महादेव|

लक्ष्मी नारायण संग विराजे 

दस अवतार उन्ही में साजे|


तीनो दुवार भवन के अंदर

बैठे ब्रह्मा विष्णु ब शंकर |

काली  लक्ष्मी सरस्वती मां

सत रज तम से व्याप्त हुई मां|


हनुमान योद्धा बलकारी 

मार रहे भैरव किलकारी |

चौंसठ योगिनी मंगल गावे 

मृदंग छैने महंत वजावे |


भवन के नीचे बाबड़ी सूंदर 

जिसमे जल बेहता है झर झर |

संत आरती करे तुम्हरी

तुमेः पूजते है नर नारी |


पास है जिसके बाग निराले 

जहाँ है पुष्पों की है बनमाला |

कंठ आपके माला विराजे 

सुहा सुहा चोला अंग साजे|


सिंह यहाँ संध्या को आता 

छिन्मस्तिका शीश नबाता|

निकट आपके है गुरुद्वारा 

जो है गुरु गोबिंग का प्यारा |


रणजीत सिंह महाराज बनाया 

तुम स्वर्ण का छत्र चढ़ाया |

भाव तुम्ही से भक्ति पाया 

पटियाला मंदिर बनबाया |


माईदास पर कृपा करके 

आई होशिअरपुर विचर के |

अठूर क्षेत्र मुगलो नेह घेरा 

पिता माईदास ने टेरा|


अम्ब छेत्र के पास में आये

दोह पुत्र कृपा से पाये |

वंश माये नेह फिर पुजवाया 

माईदास को भक्त बनबाया |


सो घर उसके है अपनाया 

सेवारत है जो हर्षाया |

तीन आरती है मंगलमह 

प्रात: मद्या और संद्यामय |


असोज चैत्र मेला लगता 

पर सावन में आनंद भरता|

पान ध्वजा – नारियल चढ़ाऊँ

हलवा  चन्ना का भोग लगाऊं|


छनन य चुन्नी शीश चढ़ाऊँ

माला लेकर तुम्हे ध्याऊँ|

मुझको मात विपद ने घेरा 

जय माँ जय माँ आसरा तेरा|


ज्वाला से तुम तेज हो पति

नगरकोट की शवि है आती|

नयना देवी तुम्हे देखकर

मुस्काती है मैया तुम पर|


अभिलाषा मां पूरन कर दो

हे चिंतपूर्णी मां झोली भर दो|

ममता वाली पलक दिखा दो 

काम क्रोध  मद  लोभ हटा दो |


सुख दुःख तो जीवन में आते 

तेरी दया से दुःख मिट जाते |

चिंतपूर्णी चिंता हरनी 

भय नाशक हो तुम भय हरनी |


हर बाधा को आप ही टालो

इस बालक को आप संभालो|

तुम्हारा आशीर्वाद मिले ज

सुख की कलियाँ खिले तब|


कहा तक तुम्हरी महिमा गाऊं

दुवार खड़ा हो विनय सुनाऊ|

चिंतपूर्णी मां मुझे अपनाओ 

“सतीश ” को भव पार लगाओ


दोहा :

चरण आपके छू रहा हु  चिंतपूर्णी मात |

लीला अपरंपार हे  हो जगमें विख्यात ||


2.मूल मंत्र:

” ओइम ऐ ही कली श्री चामुण्डाय विच्चै:”


*** Singer - Rahul pathak ***




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