ते दिन गए अकारथ ही संगत भई न संग दोहे का अर्थ (Te Din Gaye Akarath Hi Sangat Bhai Na Sang Dohe Ka Arth in Hindi) - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind


ते दिन गए अकारथ ही संगत भई न संग दोहे का अर्थ (Te Din Gaye Akarath Hi Sangat Bhai Na Sang Dohe Ka Arth in Hindi):-


ते दिन गए अकारथ ही, संगत भई न संग ।

प्रेम बिना पशु जीवन, भक्ति बिना भगवंत ।


ते दिन गए अकारथ ही संगत भई न संग दोहे का अर्थ (Te Din Gaye Akarath Hi Sangat Bhai Na Sang Dohe Ka Arth in Hindi) - Bhaktilok


ते दिन गए अकारथ ही संगत भई न संग दोहे का अर्थ (Te Din Gaye Akarath Hi Sangat Bhai Na Sang Dohe Ka Arth in Hindi):-

कबीर दास जी कहते हैं कि अब तक जो समय गुजारा है वो व्यर्थ गया, ना कभी सज्जनों की संगति की और ना ही कोई अच्छा काम किया। प्रेम और भक्ति के बिना इंसान पशु के समान है और भक्ति करने वाला इंसान के ह्रदय में भगवान का वास होता है।



Post a Comment

0Comments

If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks

Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !