राम जपते रहो काम करते रहो लिरिक्स (Ram Japate Raho Kam Karte Raho Lyrics in Hindi) - Shri Ram Bhajan - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind


राम जपते रहो काम करते रहो लिरिक्स (Ram Japate Raho Kam Karte Raho Lyrics in Hindi) - 


लाख चौरासी भ्रमण किया दुख सहन ।

पाया मुश्किल से तब एसा मानुष तन ।

राह चलते चलो कर किसी की नजर ।

पैर नाजुक है नीचे फिसल जायेगा ।

राम जपते रहो काम करते रहो ।


कौल तूने किया मैँ करूँगा वफ़ा ।

पर गया भूल कुछ ना कमाया नफा ।

आके मस्ती में तू मूलधन खा गया ।

आखिरी में तेरा सर कुचल जायेगा ।

राम जपते रहो काम करते रहो ।


खैर बीती जो अब संभालो जरा ।

प्रेम गदगद हो आँसू निकालो जरा ।

वो दया पात्र हरी का भरो नीर से ।

भरते भरते एक दिन छलक जायेगा ।

राम जपते रहो काम करते रहो ।


छोड़कर छल कपट मोह माया जतन ।

लौ प्रभू से लगाना जगदम्बा शरण ।

मोम सा है ज़िगर इन दयासिंधु का ।

असर पड़ते ही फौरन पिघल जायेगा ।

राम जपते रहो काम करते रहो ।


राम जपते रहो काम करते रहो ।

वक्त जीवन का यूँही निकल जायेगा ।

अगर लगन सच्ची भगवन से लग जायेगी ।

तेरे जीवन का नक्शा बदल जायेगा ।

राम जपते रहो काम करते रहो ।


*** Singer : Prakash Gandhi ***




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