राम भक्त ले चला रे राम की निशानी लिरिक्स (Ram Bhakt Le Chala Re Ram Ki Nishaani Lyrics in Hindi and English) - Ram Bhajan - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind


राम भक्त ले चला रे राम की निशानी लिरिक्स (Ram Bhakt Le Chala Re Ram Ki Nishaani Lyrics in Hindi) -


राम भक्त ले चला रे

राम की निशानी।


चौपाई – प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि 

सादर भरत शीश धरी लीन्ही।


राम भक्त ले चला रे

राम की निशानी

शीश पर खड़ाऊँ

अखियों में पानी

राम भक्त लें चला रे

राम की निशानी।।


शीश खड़ाऊ ले चला ऐसे

राम सिया जी संग हो जैसे

अब इनकी छाव में

रहेगी राजधानी

राम भक्त लें चला रे

राम की निशानी।।


पल छीन लागे सदियों जैसे

चौदह बरस कटेंगे कैसे

जाने समय क्या खेल रचेगा

कौन मरेगा कौन बचेगा

कब रे मिलन के फूल खिलेंगे

नदियाँ के दो पुल मिलेंगे

जी करता है यहीं बस जाए 

हिलमिल चौदह वरष बिताएं

राम बिन कठिन है

इक घड़ी बितानी

राम भक्त लें चला रे

राम की निशानी।।


तन मन बचन

उमंग अनुरागा

धीर धुरंधर

धीरज त्यागा

भावना में बह चले

धीर वीर ज्ञानी

राम भक्त लें चला रे

राम की निशानी।।


राम भक्त ले चला रें

राम की निशानी

शीश पर खड़ाऊँ

अखियों में पानी

राम भक्त लें चला रे

राम की निशानी।।



स्वर : रवीन्द्र जैन और साथी 

गीत : रवीन्द्र जैन 

संगीत : रवीन्द्र जैन 



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