मन जाणे सब बात जांणत ही औगुन करै दोहे का अर्थ(Man Jaane Sab Baat Janat hi Augun Karai Dohe Ka Arth in Hindi):-
मन जाणे सब बात जांणत ही औगुन करै ।
काहे की कुसलात कर दीपक कूंवै पड़े ।
मन जाणे सब बात जांणत ही औगुन करै दोहे का अर्थ(Man Jaane Sab Baat Janat hi Augun Karai Dohe Ka Arth in Hindi):-
मन सब बातों को जानता है जानता हुआ भी अवगुणों में फंस जाता है जो दीपक हाथ में पकडे हुए भी कुंए में गिर पड़े उसकी कुशल कैसी?
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