मधुबन में जो कन्हैया किसी गोपी से मिले (Madhuban mein jo Kanhaiya kisi Gopi se mile Lyrics in Hindi) -
मधुबन में जो कन्हैया किसी गोपी से मिले
कभी मुस्काये, कभी छेड़े कभी बात करे
राधा कैसे ना जले, राधा कैसे ना जले
आग तन में लगे
राधा कैसे ना जले, राधा कैसे ना जले
मधुबन में भले कान्हा किसी गोपी से मिले
मन में तो राधा के ही प्रेम के हैं फूल खिले
किसलिये राधा जले, किसलिये राधा जले
बिना सोचे समझे किस लिये राधा जले
(संगीत)
ओ गोपियाँ तारे हैं चाँद है राधा
फिर क्यों है उस को बिष्वास आधा
ओ गोपियाँ तारे हैं चाँद है राधा
फिर क्यों है उस को बिष्वास आधा
कान्हा जी का जो सदा इधर उधर ध्यान रहे
राधा बेचारी को फिर अपने पे क्या मान रहे
गोपियाँ आनी-जानी हैं
राधा तो मन की रानी है
गोपियाँ आनी-जानी हैं
राधा तो मन की रानी है
साँझ सखारे जमुना किनारे
राधा राधा ही कान्हा पुकारे
ओये होये ओये होये
बाहों के हार जो डाले कोई कान्हा के गले
राधा कैसे ना जले, राधा कैसे ना जले
आग तन में लगे
राधा कैसे ना जले, राधा कैसे ना जले
(संगीत)
मन में है राधे को कान्हा जो बसाये
तो कान्हा काहे को उसे ना बताये
प्रेम की अपनी अलग बोली अलग भाषा है
बात नैनों से हो कान्हा की यही आशा है
कान्हा के ये जो नैना नैना हैं
छीनें गोपियों के चैना हैं
कान्हा के ये जो नैना नैना हैं
छीनें गोपियों के चैना हैं
मिली नजरिया हुई बाँवरिया
गोरी गोरी सी कोई गुजरिया
कान्हा का प्यार किसी गोपी के मन में जो पले
किसलिये राधा जले, राधा जले, राधा जले
राधा कैसे ना जले
किसलिये राधा जले
राधा कैसे ना जले
किसलिये राधा जले
किसलिये राधा जले
राधा कैसे ना जले
किसलिये राधा जले
किसलिये राधा जले
राधा कैसे ना जले
राधा कैसे ना जले
राधा कैसे ना जले
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