करना सेवा सत्कार करना हर किसी से प्यार लिरिक्स (Karna Sewa Satkar Lyrics in Hindi) -
करना सेवा सत्कार करना हर किसी से प्यार
न कभी भी किसी का दिल दुखाना रे ।
लेके जग से बुराई मत जाना रे
अच्छे कर्मो से जीवन सजाना रे ।
घर आये को भगवान् समझना
अपने ही जैसा इंसान समझना ।
मीठी वाणी उसको बोल वाणी होती है अनमोल ।
तीखी वाणी किसी को मत सुनाना रे ।
प्यार अपना सभी पे तू लुटाना रे ।
तुच्छ समझ किसी पर नहीं हंसना
सब पे सम-रस भाव तुम रखना
पढ़ना गीता का उपदेश उसमे है जी ये सन्देश
कहाँ रहता है एक सा ज़माना रे ।
भाव-भगति में मन को रमाना रे ।
पाप का धन अपने घर तू ना लाना
खून-पसीने की रोटी ही खाना ।
मेहनत करना आठों याम किरपा करेंगे तुझपे राम ।
सत्य-पथ से ना पग को डिगाना रे ।
बुरे कर्मों को हाँथ ना लगाना रे ।
मन में कभी तू अभिमान ना करना
जग में किसी का अपमान ना करना ।
ऊपर होगा सब हिसाब दोगे कैसे तुम जवाब
फिर तुझको पड़ेगा पछताना रे ।
रह जायेगा यहीं पर खजाना रे ।
करना सेवा सत्कार करना हर किसी से प्यार
न कभी भी किसी का दिल दुखाना रे ।
लेके जग से बुराई मत जाना रे
अच्छे कर्मो से जीवन सजाना रे ।
करना सेवा सत्कार करना हर किसी से प्यार
न कभी भी किसी का दिल दुखाना रे
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