करना सेवा सत्कार करना हर किसी से प्यार लिरिक्स (Karna Sewa Satkar Lyrics in Hindi) - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind


करना सेवा सत्कार करना हर किसी से प्यार लिरिक्स (Karna Sewa Satkar Lyrics in Hindi) - 


 करना सेवा सत्कार करना हर किसी से प्यार

न कभी भी किसी का दिल दुखाना रे ।

लेके जग से बुराई मत जाना रे

अच्छे कर्मो से जीवन सजाना रे ।


घर आये को भगवान् समझना

अपने ही जैसा इंसान समझना ।

मीठी वाणी उसको बोल वाणी होती है अनमोल ।

तीखी वाणी किसी को मत सुनाना रे ।

प्यार अपना सभी पे तू लुटाना रे ।


तुच्छ समझ किसी पर नहीं हंसना

सब पे सम-रस भाव तुम रखना

पढ़ना गीता का उपदेश उसमे है जी ये सन्देश

कहाँ रहता है एक सा ज़माना रे ।

भाव-भगति में मन को रमाना रे ।


पाप का धन अपने घर तू ना लाना

खून-पसीने की रोटी ही खाना ।

मेहनत करना आठों याम किरपा करेंगे तुझपे राम ।

सत्य-पथ से ना पग को डिगाना रे ।

बुरे कर्मों को हाँथ ना लगाना रे ।


मन में कभी तू अभिमान ना करना

जग में किसी का अपमान ना करना ।

ऊपर होगा सब हिसाब दोगे कैसे तुम जवाब

फिर तुझको पड़ेगा पछताना रे ।

रह जायेगा यहीं पर खजाना रे ।


करना सेवा सत्कार करना हर किसी से प्यार

न कभी भी किसी का दिल दुखाना रे ।

लेके जग से बुराई मत जाना रे

अच्छे कर्मो से जीवन सजाना रे ।


करना सेवा सत्कार करना हर किसी से प्यार

न कभी भी किसी का दिल दुखाना रे 





Post a Comment

0Comments

If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks

Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !