काची काया मन अथिर थिर थिर काम करंत दोहे का अर्थ(Kachi Kaya Man Athir Thir Thir Kaam Karant Dohe Ka Arth in Hindi):-
काची काया मन अथिर थिर थिर काम करंत ।
ज्यूं ज्यूं नर निधड़क फिरै त्यूं त्यूं काल हसन्त ।
काची काया मन अथिर थिर थिर काम करंत दोहे का अर्थ(Kachi Kaya Man Athir Thir Thir Kaam Karant Dohe Ka Arth in Hindi):-
शरीर कच्चा अर्थात नश्वर है मन चंचल है परन्तु तुम इन्हें स्थिर मान कर काम करते हो – इन्हें अनश्वर मानते हो मनुष्य जितना इस संसार में रमकर निडर घूमता है – मगन रहता है – उतना ही काल अर्थात मृत्यु उस पर हँसता है ! मृत्यु पास है यह जानकर भी इंसान अनजान बना रहता है ! कितनी दुखभरी बात है।
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