काची काया मन अथिर थिर थिर काम करंत दोहे का अर्थ(Kachi Kaya Man Athir Thir Thir Kaam Karant Dohe Ka Arth in Hindi)

Deepak Kumar Bind

 

काची काया मन अथिर थिर थिर काम करंत दोहे का अर्थ(Kachi Kaya Man Athir Thir Thir Kaam Karant Dohe Ka Arth in Hindi):-


काची काया मन अथिर थिर थिर काम करंत ।

ज्यूं ज्यूं नर  निधड़क फिरै त्यूं त्यूं काल हसन्त ।


काची काया मन अथिर थिर थिर काम करंत दोहे का अर्थ(Kachi Kaya Man Athir Thir Thir Kaam Karant Dohe Ka Arth in Hindi)


काची काया मन अथिर थिर थिर काम करंत दोहे का अर्थ(Kachi Kaya Man Athir Thir Thir Kaam Karant Dohe Ka Arth in Hindi):-

शरीर कच्चा अर्थात नश्वर है मन चंचल है परन्तु तुम इन्हें स्थिर मान कर काम  करते हो – इन्हें अनश्वर मानते हो मनुष्य जितना इस संसार में रमकर निडर घूमता है – मगन रहता है – उतना ही काल अर्थात मृत्यु उस पर  हँसता है ! मृत्यु पास है यह जानकर भी इंसान अनजान बना रहता है ! कितनी दुखभरी बात है।




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