जब मैं था तब हरी नहीं अब हरी है मैं नाही दोहे का अर्थ(Jab Mai Tab Hari Nahi Ab Hari Hai Mai Nahi Dohe Ka Arth in Hindi):-
जब मैं था तब हरी नहीं, अब हरी है मैं नाही ।
सब अँधियारा मिट गया, दीपक देखा माही ।
जब मैं था तब हरी नहीं अब हरी है मैं नाही दोहे का अर्थ(Jab Mai Tab Hari Nahi Ab Hari Hai Mai Nahi Dohe Ka Arth in Hindi):-
जब मैं अपने अहंकार में डूबा था – तब प्रभु को न देख पाता था – लेकिन जब गुरु ने ज्ञान का दीपक मेरे भीतर प्रकाशित किया तब अज्ञान का सब अन्धकार मिट गया – ज्ञान की ज्योति से अहंकार जाता रहा और ज्ञान के आलोक में प्रभु को पाया।
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