इष्ट मिले अरु मन मिले मिले सकल रस रीति दोहे का अर्थ(Isht Mile Aru Man Mile Mile Sakal Ras Riti Dohe Ka Arth in Hindi):-
इष्ट मिले अरु मन मिले, मिले सकल रस रीति।कहैं कबीर तहँ जाइये, यह सन्तन की प्रीति।
इष्ट मिले अरु मन मिले मिले सकल रस रीति दोहे का अर्थ(Isht Mile Aru Man Mile Mile Sakal Ras Riti Dohe Ka Arth in Hindi):-
उपास्य, उपासना-पध्दति, सम्पूर्ण रीति-रिवाज और मन जहाँ पर मिले, वहीँ पर जाना सन्तों को प्रियकर होना चाहिए।
If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks