गारी मोटा ज्ञान जो रंचक उर में जरै दोहे का अर्थ(Gaari Mota Gyan jo Ranchak ur Me jarai Dohe Ka Arth in Hindi)

Deepak Kumar Bind

 

गारी मोटा ज्ञान जो रंचक उर में जरै दोहे का अर्थ(Gaari Mota Gyan jo Ranchak ur Me jarai Dohe Ka Arth in Hindi):-


गारी मोटा ज्ञान, जो रंचक उर में जरै।
कोटि सँवारे काम, बैरि उलटि पायन परै।
गारी सो क्या हान, हिरदै जो यह ज्ञान धरै।

 

गारी मोटा ज्ञान जो रंचक उर में जरै दोहे का अर्थ(Gaari Mota Gyan jo Ranchak ur Me jarai Dohe Ka Arth in Hindi)


गारी मोटा ज्ञान जो रंचक उर में जरै दोहे का अर्थ(Gaari Mota Gyan jo Ranchak ur Me jarai Dohe Ka Arth in Hindi):-

यदि अपने ह्रदय में थोड़ी भी सहन शक्ति हो, ओ मिली हुई गली भारी ज्ञान है। सहन करने से करोड़ों काम संसार में सुधर जाते हैं। और शत्रु आकर पैरों में पड़ता है। यदि ज्ञान ह्रदय में आ जाय, तो मिली हुई गाली से अपनी क्या हानि है ?



Post a Comment

0Comments

If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks

Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !