आछे पाछे दिन पाछे गए हरी से किया न हेत दोहे का अर्थ(Aachhe Pachhe Din Paache Gaye Hari Se Kiya Na Het Dohe Ka Arth in HIndi):-
आछे / पाछे दिन पाछे गए हरी से किया न हेत ।
अब पछताए होत क्या, चिडिया चुग गई खेत ।
आछे पाछे दिन पाछे गए हरी से किया न हेत दोहे का अर्थ(Aachhe Pachhe Din Paache Gaye Hari Se Kiya Na Het Dohe Ka Arth in HIndi):-
देखते ही देखते सब भले दिन – अच्छा समय बीतता चला गया – तुमने प्रभु से लौ नहीं लगाई – प्यार नहीं किया समय बीत जाने पर पछताने से क्या मिलेगा? पहले जागरूक न थे – ठीक उसी तरह जैसे कोई किसान अपने खेत की रखवाली ही न करे और देखते ही देखते पंछी उसकी फसल बर्बाद कर जाएं।
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