रात गंवाई सोय के दिवस गंवाया खाय दोहे का अर्थ(Raat Ganvayi Soy Ke Divas Ganvaya Khay Dohe Ka Arth in Hindi):-
रात गंवाई सोय के, दिवस गंवाया खाय ।
हीरा जन्म अमोल सा, कोड़ी बदले जाय ।
रात गंवाई सोय के दिवस गंवाया खाय दोहे का अर्थ(Raat Ganvayi Soy Ke Divas Ganvaya Khay Dohe Ka Arth in Hindi):-
रात नींद में नष्ट कर दी – सोते रहे – दिन में भोजन से फुर्सत नहीं मिली यह मनुष्य जन्म हीरे के सामान बहुमूल्य था जिसे तुमने व्यर्थ कर दिया – कुछ सार्थक किया नहीं तो जीवन का क्या मूल्य बचा ? एक कौड़ी
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