माँ कालरात्रि की आरती लिरिक्स (Maa Kalratri ki Aarti Lyrics in Hindi) - Mata Kalratri Ki Aarti कालरात्रि जय महाकाली नवरात्रि सातवें दिन की आरती - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 

माँ कालरात्रि की आरती लिरिक्स (Maa Kalratri ki Aarti Lyrics in Hindi) - 


कालरात्रि जय-जय-महाकाली ।

काल के मुह से बचाने वाली ॥


दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा ।

महाचंडी तेरा अवतार ॥


पृथ्वी और आकाश पे सारा ।

महाकाली है तेरा पसारा ॥


खडग खप्पर रखने वाली ।

दुष्टों का लहू चखने वाली ॥


कलकत्ता स्थान तुम्हारा ।

सब जगह देखूं तेरा नजारा ॥


सभी देवता सब नर-नारी ।

गावें स्तुति सभी तुम्हारी ॥


रक्तदंता और अन्नपूर्णा ।

कृपा करे तो कोई भी दुःख ना ॥


ना कोई चिंता रहे बीमारी ।

ना कोई गम ना संकट भारी ॥


उस पर कभी कष्ट ना आवें ।

महाकाली माँ जिसे बचाबे ॥


तू भी भक्त प्रेम से कह ।

कालरात्रि माँ तेरी जय ॥


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