येषां न विद्या न तपो न दानं लिरिक्स (Yeshaan Na Vidya Na Tapo Na Danan Lyrics in Hindi) -
येषां न विद्या न तपो न दानं
ज्ञानं न शीलं न गुणो न धर्मः ।
ते मर्त्यलोके भुविभारभूता
मनुष्यरूपेण मृगाश्चरन्ति ॥
( हिन्दी भावार्थ )
जिन लोगों के पास न तो विद्या है
न तप न दान न शील न गुण और न धर्म।
वे लोग इस पृथ्वी पर भार हैं और मनुष्य के
रूप में मृग/जानवर की तरह से घूमते रहते हैं।
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