श्री राम अमृतवाणी भजन लिरिक्स (Shri Ram Amritwani Lyrics in Hindi) - By Anuradha Paudwal Ram Amritwani - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind


श्री राम अमृतवाणी भजन लिरिक्स (Shri Ram Amritwani Lyrics in Hindi) - 

 

रामामृत पद पावन वाणी

राम नाम धुन सुधा सामानी

पावन पाथ राम गन ग्राम

राम राम जप राम ही राम । 1 ।


परम सत्य परम विज्ञान

ज्योति स्वरूप राम भगवान

परमानंद सर्वशक्तिमान

राम परम है राम महान । 2 ।


अमृत वाणी नाम उच्चाहरान

राम राम सुख सिद्धिकारण

अमृतवानी अमृत श्री नाम

राम राम मुद मंगल धाम । 3 ।


अमृतरूप राम-गुण गान

अमृत-कथन राम व्याख्यान

अमृत-वचन राम की चर्चा

सुधा सम गीत राम की अर्चा । 4 ।


अमृत मनन राम का जाप

राम राम प्रभु राम अलाप

अमृत चिंतन राम का ध्यान

राम शब्द में सूचि समाधन । 5 ।


अमृत रसना वही कहवा

राम-राम जहां नाम सुहावे

अमृत कर्म नाम कमानी

राम-राम परम सुखदायी । 6 ।


अमृत राम-नाम जो ही ध्यावे

अमृत पद सो ही जन पावे

राम-नाम अमृत-रास सार

देता परम आनन्द अपार । 7 ।


राम-राम जप हे माणा

अमृत वाणी मान

राम-नाम मे राम को

सदा विराजित जान । 8 ।


राम-नाम मद-मंगलकारी

विध्ण हरे सब पातक हारी

राम नाम शुभ-शकुण महान

स्वस्ती शांति शिवकर कल्याण । 9 ।


राम-राम श्री राम-विचार

मानी उत्तम मंगलाचार

राम-राम मन मुख से गाना

मानो मधुर मनोरथ पाना । 10 ।


राम-नाम जो जन मन लावे

उसमे शुभ सभी बस जावे

जहां हो राम-नाम धुन-नाद

भागे वहा से विषम विषाद । 11 ।


राम-नाम मन-तप्त बुझावे

सुधा रस सीच शांति ले आवे

राम-राम जपिये कर भाव

सुविधा सुविध बने बनाव । 12 ।


राम-नाम सिमरो सदा

अतिशय मंगल मूल

विषम विकट संकट हरन

कारक सब अनुकूल । 13 ।


जपना राम-राम है सुकृत

राम-नाम है नाशक दुष्कृत

सिमरे राम-राम ही जो जन

उसका हो शुचित्र तन-मन । 14 ।


जिसमे राम-नाम शुभ जागे

उस के पाप-ताप सब भागे

मन से राम-नाम जो उच्चारे

उस के भागे भ्रम भय सारे । 15 ।


जिस मन बस जाए राम सुनाम

होवे वह जन पूर्णकाम

चित में राम-राम जो सिमरे

निश्चय भव सागर से तारे । 16 ।


राम-सिमरन होव साहै

राम-सिमरन है सुखदायी

राम सिमरन सब से ऊंचा

राम शक्ति सुख ज्ञान समूचा । 17 ।


राम-राम हे सिमर मन

राम-राम श्री राम

राम-राम श्री राम-भज

राम-राम हरि-नाम । 18 ।


मात पिता बांधव सूत दारा

धन जन साजन सखा प्यारा

अंत काल दे सके ना सहारा

राम-नाम तेरा तारण हारा । 19 ।


सिमरन राम-नाम है संगी

सखा स्नेही सुहिर्द शुभ अंगी

यूग-यूग का है राम सहेला

राम-भगत नहीं रहे अकेला । 20 ।


निर्जन वन विपद हो घोर

निबर्ध निशा तम सब ओर

जोत जब राम नाम की जागे

संकट सर्व सहज से भागे । 21 ।


बाधा बड़ी विषम जब आवे

वैर विरोध विघ्न बढ़ जावे

राम नाम जपिये सुख दाता

सच्चा साथी जो हितकर त्राता । 22 ।


मन जब धैर्य को नहीं पावे

कुचिन्ता चित्त को चूर बनावे

राम नाम जपे चिंता चूरक

चिंतामणि चित्त चिंतन पूरक । 23 ।


शोक सागर हो उमड़ा आता

अति दुःख में मन घबराता

भजिये राम-राम बहु बार

जन का करता बेड़ा पार । 24 ।


करधी घरद्धि कठिनतर काल

कष्ट कठोर हो क्लेश कराल

राम-राम जपिये प्रतिपाल

सुख दाता प्रभु दीनदयाल । 25 ।


घटना घोर घटे जिस बेर

दुर्जन दुखरदे लेवेँ घेर

जपिये राम-नाम बिन देर

रखिये राम-राम शुभ टेर । 26 ।


राम-नाम हो सदा सहायक

राम-नाम सर्व सुखदायक

राम-राम प्रभु राम की टेक

शरण शान्ति आश्रय है एक । 27 ।


पूँजी राम-नाम की पाइये

पाथेय साथ नाम ले जाइये

नाशे जन्म मरण का खटका

रहे राम भक्त नहीं अटका । 28 ।


राम-राम श्री राम है

तीन लोक का नाथ

परम-पुरुष पावन प्रभु

सदा का संगी साथ । 29 ।


यज्ञ तप ध्यान योग ही त्याग

वन कुटी वास अति वैराग

राम-नाम बिना नीरस फोक

राम-राम जप तरिये लोक । 30 ।


राम-जाप सब संयम साधन

राम-जाप है कर्म आराधन

राम-जाप है परम-अभ्यास

सिम्रो राम-नाम सुख-रास । 31 ।


राम-जाप कही ऊंची करनी

बाधा विघ्न बहु दुःख हरनी

राम-राम महा-मंत्र जपना

है सुव्रत नेम तप तपना । 32 ।


राम-जाप है सरल समाधि

हरे सब आधी व्याधि उपाधि

रिद्धि-सिद्धि और नव-निधान

डाटा राम है सब सुख-खान । 33 ।


राम-राम चिन्तन सुविचार

राम-राम जप निश्चय धार

राम-राम श्री राम-ध्याना

है परम-पद अमृत पाना । 34 ।


राम-राम श्री राम हरी

सहज पराम है योग

राम-राम श्री राम जप

देता अमृत-भोग । 35 ।


नाम चिंतामणि रत्न अमोल

राम-नाम महिमा अनमोल

अतुल प्रभाव अति-प्रताप

राम-नाम कहा तारक जाप । 36 ।


बीज अक्षर महा-शक्ति-कोष

राम-राम जप शुभ-संतोष

राम-राम श्री राम-राम मंत्र

तंत्र बीज परात्पर यन्त्र । 37 ।


बीजाक्षर पद पद्मा प्रकाशे

राम-राम जप दोष विनाशे

कुण्डलिनी बोधे सुष्मना खोले

राम मंत्र अमृत रस घोले । 38 ।


उपजे नाद सहज बहु-भांत

अजपा जाप भीतर हो शांत

राम-राम पद शक्ति जगावे

राम-राम धुन जभी रमावे । 39 ।


राम-नाम जब जगे अभंग

चेतन-भाव जगे सुख संग

ग्रंथि अविद्या टूटे भारी

राम-लीला की खिले फुलवारी । 40 ।


पतित-पावन परम-पाठ

राम-राम जप योग

सफल सिद्धि कर साधना

राम-नाम अनुराग । 41 ।


तीन लोक का समझीये सार

राम-नाम सब ही सुखकार

राम-नाम की बहुत बरदाई

वेद पुराण मुनि जन गाई । 42 ।


यति सती साधू संत सयाने

राम नाम निष्-दिन बखाने

तापस योगी सिद्ध ऋषिवर

जाप्ते राम-नाम सब सुखकर । 43 ।


भावना भक्ति भरे भजनीक

भजते राम-नाम रमणीक

भजते भक्त भाव-भरपूर

भ्रम-भय भेद-भाव से दूर । 44 ।


पूर्ण पंडित पुरुष-प्रधान

पावन-परम पाठ ही मान

करते राम-राम जप-ध्यान

सुनते राम अनहद तान । 45 ।


इस में सुरति सुर रमाते

राम राम स्वर साध समाते

देव देवीगन दैव विधाता

राम-राम भजते गनत्राता । 46 ।


राम राम सुगुणी जन गाते

स्वर-संगीत से राम रिझाते

कीर्तन-कथा करते विद्वान्

सार सरस संग साधनवान । 47 ।


मोहक मंत्र अति मधुर

राम-राम जप ध्यान

होता तीनो लोक में

राम-नाम गन-गान । 48 ।


मिथ्या मन-कल्पित मत-जाल

मिथ्या है मोह-कुमद-बैताल

मिथ्या मन-मुखिआ मनोराज

सच्चा है राम-राम जप काज । 49 ।


मिथ्या है वाद-विवाद विरोध

मिथ्या है वैर निंदा हाथ क्रोध

मिथ्या द्रोह दुर्गुण दुःख कहाँ

राम-नाम जप सत्य निधान । 50 ।


सत्य-मूलक है रचना साड़ी

सर्व-सत्य प्रभु-राम पसारि

बीज से तरु मक्करधी से तार

हुआ त्यों राम से जग विस्तार । 51 ।


विश्व-वृक्ष का राम है मूल

उस को तू प्राणी कभी न भूल

सां-साँस से सीमार सुजान

राम-राम प्रभु-राम महान । 52 ।


लाया उत्पत्ति पालना-रूप

शक्ति-चेतना आनंद-स्वरुप

आदि अन्त और मध्य है राम

अशरण-शरण है राम-विश्राम । 53 ।


राम-राम जप भाव से

मेरे अपने आप

परम-पुरुष पालक-प्रभु

हर्ता पाप त्रिताप । 54 ।


राम-नाम बिना वृथा विहार

धन-धान्य सुख-भोग पसार

वृथा है सब सम्पद सम्मान

होव तँ यथा रहित प्रान । 55 ।


नाम बिना सब नीरस स्वाद

ज्योँ हो स्वर बिना राग विषाद

नाम बिना नहीं साजे सिंगार

राम-नाम है सब रस सार । 56 ।


जगत का जीवन जानो राम

जग की ज्योति जाज्वल्यमान

राम-नाम बिना मोहिनी-माया

जीवन-हीं यथा तन-छाया । 57 ।


सूना समझीये सब संसार

जहां नहीं राम-नाम संचार

सूना जानिये ज्ञान-विवेक

जिस में राम-नाम नहीं एक । 58 ।


सूने ग्रन्थ पंथ मत पोथे

बने जो राम-नाम बिन थोथी

राम-नाम बिन वाद-विचार

भारी भ्रम का करे प्रचार । 59 ।


राम-नाम दीपक बिना

जान-मन में अंधेर

रहे इस से हे मम-मन

नाम सुमाला फेर । 60 ।


राम-राम भज कर श्री राम

करिये नित्य ही उत्तम काम

जितने कर्त्तव्य कर्म कलाप

करिये राम-राम कर जाप । 61 ।


करिये गमनागम के काल

राम-जाप जो कर्ता निहाल

सोते जागते सब दिन याम

जपिये राम-राम अभिराम । 62 ।


जाप्ते राम-नाम महा माला

लगता नरक-द्वार पै टाला

जाप्ते राम-राम जप पाठ

जलते कर्म बंध यथा काठ । 63 ।


तान जब राम-नाम की तूती

भांडा-भरा अभाग्य भया फूटे

मनका है राम-नाम का ऐसा

चिंता-मणि पारस-मणि जैसा । 64 ।


राम-नाम सुधा-रस सागर

राम-नाम ज्ञान गुण-अगर

राम-नाम श्री राम-महाराज

भाव-सिंधु में है अतुल-जहाज । 65 ।


राम-नाम सब तीर्थ-स्थान

राम-राम जप परम-स्नान

धो कर पाप-ताप सब धुल

कर दे भया-भ्रम को उन्मूल । 66 ।


राम जाप रवि-तेज सामान

महा-मोह-ताम हरे अज्ञान

राम जाप दे आनंद महान

मिले उसे जिसे दे भगवान् । 67 ।


राम-नाम को सिमरिये

राम-राम एक तार

परम-पाठ पावन-परम

पतित अधम दे तार । 68 ।


माँगूँ मैं राम-कृपा दिन रात

राम-कृपा हरे सब उत्पात

राम-कृपा लेवे अंट सँभाल

राम-प्रभु है जन प्रतिपाल । 69 ।


राम-कृपा है उच्तर-योग

राम-कृपा है शुभ संयोग

राम-कृपा सब साधन-मर्म

राम-कृपा संयम सत्य धर्म । 70 ।


राम-नाम को मन में बसाना

सुपथ राम-कृपा का है पाना

मन में राम-धुन जब फिर

राम-कृपा तब ही अवतार । 71 ।


रहूँ मैं नाम में हो कर लीं

जैसे जल में हो मीन अड़ीं

राम-कृपा भरपूर मैं पाऊँ

परम प्रभु को भीतर लाऊँ । 72 ।


भक्ति-भाव से भक्त सुजान

भजते राम-कृपा का निधान

राम-कृपा उस जान में आवे

जिस में आप ही राम बसावे । 73 ।


कृपा प्रसाद है राम की देनी

काल-व्याल जंजाल हर लेनी

कृपा-प्रसाद सुधा-सुख-स्वाद

राम-नाम दे रहित विवाद । 74 ।


प्रभु-पसाद शिव-शान्ति-दाता

ब्रह्म-धाम में आप पहुँचाता

प्रभु-प्रसाद पावे वह प्राणी

राम-राम जापे अमृत-वाणी । 75 ।


औषध राम-नाम की खाईये

मृत्यु जन्म के रोग मिटाइये

राम-नाम अमृत रस-पान

देता अमल अचल निर्वाण । 76 ।


राम-राम धुन गूँज से

भाव-भया जाते भाग

राम-नाम धुन ध्यान से

सब शुभ जाते जाग । 77 ।


माँगूँ मैं राम-नाम महादान

करता निर्धन का कल्याण

देव-द्वार पर जनम का भूखा

भक्ति प्रेम अनुराग से रूखा । 78 ।


पर हूँ तेरा-यह लिए टेर

चरण पारधे की राखियो मेर

अपना आप विरद-विचार

दीजिये भगवन! नाम प्यार । 79 ।


राम-नाम ने वे भी तारे

जो थे अधर्मी-अधम हत्यारे

कपटी-कुटिल-कुकर्मी अनेक

तर गए राम-नाम ले एक । 80 ।


तर गए धृति-धारणा हीं

धर्म-कर्म में जन अति दीन

राम-राम श्री राम-जप जाप

हुए अतुल-विमल-अपाप । 81 ।


राम-नाम मन मुख में बोले

राम-नाम भीतर पट खोले

राम-नाम से कमल-विकास

होवें सब साधन सुख-रास । 82 ।


राम-नाम घट भीतर बसे

सांस-साँस नस-नस से रसे

सपने में भी न बिसरे नाम

राम-राम श्री राम-राम-राम । 83 ।


राम-नाम के मेल से

साध जाते सब-काम

देव-देव देवी यादा

दान महा-सुख-धाम । 84 ।


अहो मैं राम-नाम धन पाया

कान में राम-नाम जब आया

मुख से राम-नाम जब गाया

मन से राम-नाम जब ध्याया । 85 ।


पा कर राम-नाम धन-राशि

घोर-अविद्या विपद विनाशी

बर्धा जब राम प्रेम का पूर

संकट-संशय हो गए दूर । 86 ।


राम-नाम जो जापे एक बेर

उस के भीतर कोष-कुबेर

दीं-दुखिया-दरिद्र-कंगाल

राम-राम जप होव निहाल । 87 ।


हृदय राम-नाम से भरिये

संचय राम-नाम दान करिए

घाट में नाम मूर्ती धरिये

पूजा अंतर्मुख हो करिये । 88 ।


आँखें मूँद के सुनिये सितार

राम-राम सुमधुर झनकार

उस में मन का मेल मिलाओ

राम-राम सुर में ही समाओ । 89 ।


जपूँ मैं राम-राम प्रभु राम

ध्याऊँ मैं राम-राम हरे राम

सिमरूँ मैं राम-राम प्रभु राम

गाऊं मैं राम-राम श्री राम । 90 ।


अमृतवाणी का नित्य गाना

राम-राम मन बीच रमाणा

देता संकट-विपद निवार

करता शुभ श्री मंगलाचार । 91 ।


राम-नाम जप पाठ से

हो अमृत संचार

राम-धाम में प्रीति हो

सुगुण-गैन का विस्तार । 92 ।


तारक मंत्र राम है

जिस का सुफल अपार

इस मंत्र के जाप से

निश्चय बने निस्तार । 93 ।


बोलो राम बोलो राम

बोलो राम राम राम।


श्री राम अमृतवाणी भजन लिरिक्स (Shri Ram Amritwani Lyrics in Hindi) - By Anuradha Paudwal Ram Amritwani - Bhaktilok

श्री राम अमृतवाणी भजन लिरिक्स (Shri Ram Amritwani Lyrics in English) - 


rāmāmṛta pada pāvana vāṇī

rāma nāma dhuna sudhā sāmānī

pāvana pātha rāma gana grāma

rāma rāma japa rāma hī rāma । 1 ।


parama satya parama vijñāna

jyoti svarūpa rāma bhagavāna

paramānaṃda sarvaśaktimāna

rāma parama hai rāma mahāna । 2 ।


amṛta vāṇī nāma uccāharāna

rāma rāma sukha siddhikāraṇa

amṛtavānī amṛta śrī nāma

rāma rāma muda maṃgala dhāma । 3 ।


amṛtarūpa rāma-guṇa gāna

amṛta-kathana rāma vyākhyāna

amṛta-vacana rāma kī carcā

sudhā sama gīta rāma kī arcā । 4 ।


amṛta manana rāma kā jāpa

rāma rāma prabhu rāma alāpa

amṛta ciṃtana rāma kā dhyāna

rāma śabda meṃ sūci samādhana । 5 ।


amṛta rasanā vahī kahavā

rāma-rāma jahāṃ nāma suhāve

amṛta karma nāma kamānī

rāma-rāma parama sukhadāyī । 6 ।


amṛta rāma-nāma jo hī dhyāve

amṛta pada so hī jana pāve

rāma-nāma amṛta-rāsa sāra

detā parama ānanda apāra । 7 ।


rāma-rāma japa he māṇā

amṛta vāṇī māna

rāma-nāma me rāma ko

sadā virājita jāna । 8 ।


rāma-nāma mada-maṃgalakārī

vidhṇa hare saba pātaka hārī

rāma nāma śubha-śakuṇa mahāna

svastī śāṃti śivakara kalyāṇa । 9 ।


rāma-rāma śrī rāma-vicāra

mānī uttama maṃgalācāra

rāma-rāma mana mukha se gānā

māno madhura manoratha pānā । 10 ।


rāma-nāma jo jana mana lāve

usame śubha sabhī basa jāve

jahāṃ ho rāma-nāma dhuna-nāda

bhāge vahā se viṣama viṣāda । 11 ।


rāma-nāma mana-tapta bujhāve

sudhā rasa sīca śāṃti le āve

rāma-rāma japiye kara bhāva

suvidhā suvidha bane banāva । 12 ।


rāma-nāma simaro sadā

atiśaya maṃgala mūla

viṣama vikaṭa saṃkaṭa harana

kāraka saba anukūla । 13 ।


japanā rāma-rāma hai sukṛta

rāma-nāma hai nāśaka duṣkṛta

simare rāma-rāma hī jo jana

usakā ho śucitra tana-mana । 14 ।


jisame rāma-nāma śubha jāge

usa ke pāpa-tāpa saba bhāge

mana se rāma-nāma jo uccāre

usa ke bhāge bhrama bhaya sāre । 15 ।


jisa mana basa jāe rāma sunāma

hove vaha jana pūrṇakāma

cita meṃ rāma-rāma jo simare

niścaya bhava sāgara se tāre । 16 ।


rāma-simarana hova sāhai

rāma-simarana hai sukhadāyī

rāma simarana saba se ūṃcā

rāma śakti sukha jñāna samūcā । 17 ।


rāma-rāma he simara mana

rāma-rāma śrī rāma

rāma-rāma śrī rāma-bhaja

rāma-rāma hari-nāma । 18 ।


māta pitā bāṃdhava sūta dārā

dhana jana sājana sakhā pyārā

aṃta kāla de sake nā sahārā

rāma-nāma terā tāraṇa hārā । 19 ।


simarana rāma-nāma hai saṃgī

sakhā snehī suhirda śubha aṃgī

yūga-yūga kā hai rāma sahelā

rāma-bhagata nahīṃ rahe akelā । 20 ।


nirjana vana vipada ho ghora

nibardha niśā tama saba ora

jota jaba rāma nāma kī jāge

saṃkaṭa sarva sahaja se bhāge । 21 ।


bādhā baḍa़ī viṣama jaba āve

vaira virodha vighna baḍha़ jāve

rāma nāma japiye sukha dātā

saccā sāthī jo hitakara trātā । 22 ।


mana jaba dhairya ko nahīṃ pāve

kucintā citta ko cūra banāve

rāma nāma jape ciṃtā cūraka

ciṃtāmaṇi citta ciṃtana pūraka । 23 ।


śoka sāgara ho umaḍa़ā ātā

ati duḥkha meṃ mana ghabarātā

bhajiye rāma-rāma bahu bāra

jana kā karatā beḍa़ā pāra । 24 ।


karadhī gharaddhi kaṭhinatara kāla

kaṣṭa kaṭhora ho kleśa karāla

rāma-rāma japiye pratipāla

sukha dātā prabhu dīnadayāla । 25 ।


ghaṭanā ghora ghaṭe jisa bera

durjana dukharade leve~ ghera

japiye rāma-nāma bina dera

rakhiye rāma-rāma śubha ṭera । 26 ।


rāma-nāma ho sadā sahāyaka

rāma-nāma sarva sukhadāyaka

rāma-rāma prabhu rāma kī ṭeka

śaraṇa śānti āśraya hai eka । 27 ।


pū~jī rāma-nāma kī pāiye

pātheya sātha nāma le jāiye

nāśe janma maraṇa kā khaṭakā

rahe rāma bhakta nahīṃ aṭakā । 28 ।


rāma-rāma śrī rāma hai

tīna loka kā nātha

parama-puruṣa pāvana prabhu

sadā kā saṃgī sātha । 29 ।


yajña tapa dhyāna yoga hī tyāga

vana kuṭī vāsa ati vairāga

rāma-nāma binā nīrasa phoka

rāma-rāma japa tariye loka । 30 ।


rāma-jāpa saba saṃyama sādhana

rāma-jāpa hai karma ārādhana

rāma-jāpa hai parama-abhyāsa

simro rāma-nāma sukha-rāsa । 31 ।


rāma-jāpa kahī ūṃcī karanī

bādhā vighna bahu duḥkha haranī

rāma-rāma mahā-maṃtra japanā

hai suvrata nema tapa tapanā । 32 ।


rāma-jāpa hai sarala samādhi

hare saba ādhī vyādhi upādhi

riddhi-siddhi aura nava-nidhāna

ḍāṭā rāma hai saba sukha-khāna । 33 ।


rāma-rāma cintana suvicāra

rāma-rāma japa niścaya dhāra

rāma-rāma śrī rāma-dhyānā

hai parama-pada amṛta pānā । 34 ।


rāma-rāma śrī rāma harī

sahaja parāma hai yoga

rāma-rāma śrī rāma japa

detā amṛta-bhoga । 35 ।


nāma ciṃtāmaṇi ratna amola

rāma-nāma mahimā anamola

atula prabhāva ati-pratāpa

rāma-nāma kahā tāraka jāpa । 36 ।


bīja akṣara mahā-śakti-koṣa

rāma-rāma japa śubha-saṃtoṣa

rāma-rāma śrī rāma-rāma maṃtra

taṃtra bīja parātpara yantra । 37 ।


bījākṣara pada padmā prakāśe

rāma-rāma japa doṣa vināśe

kuṇḍalinī bodhe suṣmanā khole

rāma maṃtra amṛta rasa ghole । 38 ।


upaje nāda sahaja bahu-bhāṃta

ajapā jāpa bhītara ho śāṃta

rāma-rāma pada śakti jagāve

rāma-rāma dhuna jabhī ramāve । 39 ।


rāma-nāma jaba jage abhaṃga

cetana-bhāva jage sukha saṃga

graṃthi avidyā ṭūṭe bhārī

rāma-līlā kī khile phulavārī । 40 ।


patita-pāvana parama-pāṭha

rāma-rāma japa yoga

saphala siddhi kara sādhanā

rāma-nāma anurāga । 41 ।


tīna loka kā samajhīye sāra

rāma-nāma saba hī sukhakāra

rāma-nāma kī bahuta baradāī

veda purāṇa muni jana gāī । 42 ।


yati satī sādhū saṃta sayāne

rāma nāma niṣ-dina bakhāne

tāpasa yogī siddha ṛṣivara

jāpte rāma-nāma saba sukhakara । 43 ।


bhāvanā bhakti bhare bhajanīka

bhajate rāma-nāma ramaṇīka

bhajate bhakta bhāva-bharapūra

bhrama-bhaya bheda-bhāva se dūra । 44 ।


pūrṇa paṃḍita puruṣa-pradhāna

pāvana-parama pāṭha hī māna

karate rāma-rāma japa-dhyāna

sunate rāma anahada tāna । 45 ।


isa meṃ surati sura ramāte

rāma rāma svara sādha samāte

deva devīgana daiva vidhātā

rāma-rāma bhajate ganatrātā । 46 ।


rāma rāma suguṇī jana gāte

svara-saṃgīta se rāma rijhāte

kīrtana-kathā karate vidvān

sāra sarasa saṃga sādhanavāna । 47 ।


mohaka maṃtra ati madhura

rāma-rāma japa dhyāna

hotā tīno loka meṃ

rāma-nāma gana-gāna । 48 ।


mithyā mana-kalpita mata-jāla

mithyā hai moha-kumada-baitāla

mithyā mana-mukhiā manorāja

saccā hai rāma-rāma japa kāja । 49 ।


mithyā hai vāda-vivāda virodha

mithyā hai vaira niṃdā hātha krodha

mithyā droha durguṇa duḥkha kahā~

rāma-nāma japa satya nidhāna । 50 ।


satya-mūlaka hai racanā sāḍa़ī

sarva-satya prabhu-rāma pasāri

bīja se taru makkaradhī se tāra

huā tyoṃ rāma se jaga vistāra । 51 ।


viśva-vṛkṣa kā rāma hai mūla

usa ko tū prāṇī kabhī na bhūla

sāṃ-sā~sa se sīmāra sujāna

rāma-rāma prabhu-rāma mahāna । 52 ।


lāyā utpatti pālanā-rūpa

śakti-cetanā ānaṃda-svarupa

ādi anta aura madhya hai rāma

aśaraṇa-śaraṇa hai rāma-viśrāma । 53 ।


rāma-rāma japa bhāva se

mere apane āpa

parama-puruṣa pālaka-prabhu

hartā pāpa tritāpa । 54 ।


rāma-nāma binā vṛthā vihāra

dhana-dhānya sukha-bhoga pasāra

vṛthā hai saba sampada sammāna

hova ta~ yathā rahita prāna । 55 ।


nāma binā saba nīrasa svāda

jyo~ ho svara binā rāga viṣāda

nāma binā nahīṃ sāje siṃgāra

rāma-nāma hai saba rasa sāra । 56 ।


jagata kā jīvana jāno rāma

jaga kī jyoti jājvalyamāna

rāma-nāma binā mohinī-māyā

jīvana-hīṃ yathā tana-chāyā । 57 ।


sūnā samajhīye saba saṃsāra

jahāṃ nahīṃ rāma-nāma saṃcāra

sūnā jāniye jñāna-viveka

jisa meṃ rāma-nāma nahīṃ eka । 58 ।


sūne grantha paṃtha mata pothe

bane jo rāma-nāma bina thothī

rāma-nāma bina vāda-vicāra

bhārī bhrama kā kare pracāra । 59 ।


rāma-nāma dīpaka binā

jāna-mana meṃ aṃdhera

rahe isa se he mama-mana

nāma sumālā phera । 60 ।


rāma-rāma bhaja kara śrī rāma

kariye nitya hī uttama kāma

jitane karttavya karma kalāpa

kariye rāma-rāma kara jāpa । 61 ।


kariye gamanāgama ke kāla

rāma-jāpa jo kartā nihāla

sote jāgate saba dina yāma

japiye rāma-rāma abhirāma । 62 ।


jāpte rāma-nāma mahā mālā

lagatā naraka-dvāra pai ṭālā

jāpte rāma-rāma japa pāṭha

jalate karma baṃdha yathā kāṭha । 63 ।


tāna jaba rāma-nāma kī tūtī

bhāṃḍā-bharā abhāgya bhayā phūṭe

manakā hai rāma-nāma kā aisā

ciṃtā-maṇi pārasa-maṇi jaisā । 64 ।


rāma-nāma sudhā-rasa sāgara

rāma-nāma jñāna guṇa-agara

rāma-nāma śrī rāma-mahārāja

bhāva-siṃdhu meṃ hai atula-jahāja । 65 ।


rāma-nāma saba tīrtha-sthāna

rāma-rāma japa parama-snāna

dho kara pāpa-tāpa saba dhula

kara de bhayā-bhrama ko unmūla । 66 ।


rāma jāpa ravi-teja sāmāna

mahā-moha-tāma hare ajñāna

rāma jāpa de ānaṃda mahāna

mile use jise de bhagavān । 67 ।


rāma-nāma ko simariye

rāma-rāma eka tāra

parama-pāṭha pāvana-parama

patita adhama de tāra । 68 ।


mā~gū~ maiṃ rāma-kṛpā dina rāta

rāma-kṛpā hare saba utpāta

rāma-kṛpā leve aṃṭa sa~bhāla

rāma-prabhu hai jana pratipāla । 69 ।


rāma-kṛpā hai uctara-yoga

rāma-kṛpā hai śubha saṃyoga

rāma-kṛpā saba sādhana-marma

rāma-kṛpā saṃyama satya dharma । 70 ।


rāma-nāma ko mana meṃ basānā

supatha rāma-kṛpā kā hai pānā

mana meṃ rāma-dhuna jaba phira

rāma-kṛpā taba hī avatāra । 71 ।


rahū~ maiṃ nāma meṃ ho kara līṃ

jaise jala meṃ ho mīna aḍa़īṃ

rāma-kṛpā bharapūra maiṃ pāū~

parama prabhu ko bhītara lāū~ । 72 ।


bhakti-bhāva se bhakta sujāna

bhajate rāma-kṛpā kā nidhāna

rāma-kṛpā usa jāna meṃ āve

jisa meṃ āpa hī rāma basāve । 73 ।


kṛpā prasāda hai rāma kī denī

kāla-vyāla jaṃjāla hara lenī

kṛpā-prasāda sudhā-sukha-svāda

rāma-nāma de rahita vivāda । 74 ।


prabhu-pasāda śiva-śānti-dātā

brahma-dhāma meṃ āpa pahu~cātā

prabhu-prasāda pāve vaha prāṇī

rāma-rāma jāpe amṛta-vāṇī । 75 ।


auṣadha rāma-nāma kī khāīye

mṛtyu janma ke roga miṭāiye

rāma-nāma amṛta rasa-pāna

detā amala acala nirvāṇa । 76 ।


rāma-rāma dhuna gū~ja se

bhāva-bhayā jāte bhāga

rāma-nāma dhuna dhyāna se

saba śubha jāte jāga । 77 ।


mā~gū~ maiṃ rāma-nāma mahādāna

karatā nirdhana kā kalyāṇa

deva-dvāra para janama kā bhūkhā

bhakti prema anurāga se rūkhā । 78 ।


para hū~ terā-yaha lie ṭera

caraṇa pāradhe kī rākhiyo mera

apanā āpa virada-vicāra

dījiye bhagavana! nāma pyāra । 79 ।


rāma-nāma ne ve bhī tāre

jo the adharmī-adhama hatyāre

kapaṭī-kuṭila-kukarmī aneka

tara gae rāma-nāma le eka । 80 ।


tara gae dhṛti-dhāraṇā hīṃ

dharma-karma meṃ jana ati dīna

rāma-rāma śrī rāma-japa jāpa

hue atula-vimala-apāpa । 81 ।


rāma-nāma mana mukha meṃ bole

rāma-nāma bhītara paṭa khole

rāma-nāma se kamala-vikāsa

hoveṃ saba sādhana sukha-rāsa । 82 ।


rāma-nāma ghaṭa bhītara base

sāṃsa-sā~sa nasa-nasa se rase

sapane meṃ bhī na bisare nāma

rāma-rāma śrī rāma-rāma-rāma । 83 ।


rāma-nāma ke mela se

sādha jāte saba-kāma

deva-deva devī yādā

dāna mahā-sukha-dhāma । 84 ।


aho maiṃ rāma-nāma dhana pāyā

kāna meṃ rāma-nāma jaba āyā

mukha se rāma-nāma jaba gāyā

mana se rāma-nāma jaba dhyāyā । 85 ।


pā kara rāma-nāma dhana-rāśi

ghora-avidyā vipada vināśī

bardhā jaba rāma prema kā pūra

saṃkaṭa-saṃśaya ho gae dūra । 86 ।


rāma-nāma jo jāpe eka bera

usa ke bhītara koṣa-kubera

dīṃ-dukhiyā-daridra-kaṃgāla

rāma-rāma japa hova nihāla । 87 ।


hṛdaya rāma-nāma se bhariye

saṃcaya rāma-nāma dāna karie

ghāṭa meṃ nāma mūrtī dhariye

pūjā aṃtarmukha ho kariye । 88 ।


ā~kheṃ mū~da ke suniye sitāra

rāma-rāma sumadhura jhanakāra

usa meṃ mana kā mela milāo

rāma-rāma sura meṃ hī samāo । 89 ।


japū~ maiṃ rāma-rāma prabhu rāma

dhyāū~ maiṃ rāma-rāma hare rāma

simarū~ maiṃ rāma-rāma prabhu rāma

gāūṃ maiṃ rāma-rāma śrī rāma । 90 ।


amṛtavāṇī kā nitya gānā

rāma-rāma mana bīca ramāṇā

detā saṃkaṭa-vipada nivāra

karatā śubha śrī maṃgalācāra । 91 ।


rāma-nāma japa pāṭha se

ho amṛta saṃcāra

rāma-dhāma meṃ prīti ho

suguṇa-gaina kā vistāra । 92 ।


tāraka maṃtra rāma hai

jisa kā suphala apāra

isa maṃtra ke jāpa se

niścaya bane nistāra । 93 ।


bolo rāma bolo rāma

bolo rāma rāma rāma।


*** Singer - Anuradha Paudwal ***

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