श्री दुर्गा चालीसा (Shree Durga Chalisa Lyrics in Hindi ) -
॥ चौपाई॥
नमो नमो दुर्गे सुख करनी।
नमो नमो अम्बे दुख हरनी॥
हिंदी में अर्थ – सुख प्रदान करने वाली मां दुर्गा को मेरा नमस्कार है। दुख हरने वाली मां श्री अम्बा को मेरा नमस्कार है।
निराकार है ज्योति तुम्हारी।
तिहूं लोक फैली उजियारी॥
हिंदी में अर्थ – आपकी ज्योति का प्रकाश असीम है, जिसका तीनों लोको (पृथ्वी, आकाश, पाताल) में प्रकाश फैल रहा है।
शशि ललाट मुख महाविशाला।
नेत्र लाल भृकुटी विकराला॥
हिंदी में अर्थ – आपका मस्तक चन्द्रमा के समान और मुख अति विशाल है। नेत्र रक्तिम एवं भृकुटियां विकराल रूप वाली हैं।
रूप मातु को अधिक सुहावे।
दरश करत जन अति सुख पावे॥
हिंदी में अर्थ – मां दुर्गा का यह रूप अत्यधिक सुहावना है। इसका दर्शन करने से भक्तजनों को परम सुख मिलता है।
तुम संसार शक्ति लय कीना।
पालन हेतु अन्न धन दीना॥
हिंदी में अर्थ – संसार के सभी शक्तियों को आपने अपने में समेटा हुआ है। जगत के पालन हेतु अन्न और धन प्रदान किया है।
अन्नपूर्णा हुई जग पाला।
तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥
हिंदी में अर्थ – अन्नपूर्णा का रूप धारण कर आप ही जगत पालन करती हैं और आदि सुन्दरी बाला के रूप में भी आप ही हैं।
प्रलयकाल सब नाशन हारी।
तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥
हिंदी में अर्थ – प्रलयकाल में आप ही विश्व का नाश करती हैं। भगवान शंकर की प्रिया गौरी-पार्वती भी आप ही हैं।
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें।
ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥
हिंदी में अर्थ – शिव व सभी योगी आपका गुणगान करते हैं। ब्रह्मा-विष्णु सहित सभी देवता नित्य आपका ध्यान करते हैं।
रूप सरस्वती को तुम धारा।
दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा॥
हिंदी में अर्थ – आपने ही मां सरस्वती का रूप धारण कर ऋषि-मुनियों को सद्बुद्धि प्रदान की और उनका उद्धार किया।
धरा रूप नरसिंह को अम्बा।
प्रकट हुई फाड़कर खम्बा॥
हिंदी में अर्थ – हे अम्बे माता! आप ही ने श्री नरसिंह का रूप धारण किया था और खम्बे को चीरकर प्रकट हुई थीं।
रक्षा करि प्रहलाद बचायो।
हिरणाकुश को स्वर्ग पठायो॥
हिंदी में अर्थ – आपने भक्त प्रहलाद की रक्षा करके हिरण्यकश्यप को स्वर्ग प्रदान किया, क्योकिं वह आपके हाथों मारा गया।
लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं।
श्री नारायण अंग समाहीं॥
हिंदी में अर्थ – लक्ष्मीजी का रूप धारण कर आप ही क्षीरसागर में श्री नारायण के साथ शेषशय्या पर विराजमान हैं।
क्षीरसिन्धु में करत विलासा।
दयासिन्धु दीजै मन आसा॥
हिंदी में अर्थ – क्षीरसागर में भगवान विष्णु के साथ विराजमान हे दयासिन्धु देवी! आप मेरे मन की आशाओं को पूर्ण करें।
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी।
महिमा अमित न जात बखानी॥
हिंदी में अर्थ – हिंगलाज की देवी भवानी के रूप में आप ही प्रसिद्ध हैं। आपकी महिमा का बखान नहीं किया जा सकता है।
मातंगी धूमावति माता।
भुवनेश्वरि बगला सुखदाता॥
हिंदी में अर्थ – मातंगी देवी और धूमावाती भी आप ही हैं भुवनेश्वरी और बगलामुखी देवी के रूप में भी सुख की दाता आप ही हैं।
श्री भैरव तारा जग तारिणि।
छिन्न भाल भव दुख निवारिणि॥
हिंदी में अर्थ – श्री भैरवी और तारादेवी के रूप में आप जगत उद्धारक हैं। छिन्नमस्ता के रूप में आप भवसागर के कष्ट दूर करती हैं।
केहरि वाहन सोह भवानी।
लांगुर वीर चलत अगवानी॥
हिंदी में अर्थ – वाहन के रूप में सिंह पर सवार हे भवानी! लांगुर (हनुमान जी) जैसे वीर आपकी अगवानी करते हैं।
कर में खप्पर खड्ग विराजे।
जाको देख काल डर भाजे॥
हिंदी में अर्थ – आपके हाथों में जब कालरूपी खप्पर व खड्ग होता है तो उसे देखकर काल भी भयग्रस्त हो जाता है।
सोहे अस्त्र और त्रिशूला।
जाते उठत शत्रु हिय शूला॥
हिंदी में अर्थ – हाथों में महाशक्तिशाली अस्त्र-शस्त्र और त्रिशूल उठाए हुए आपके रूप को देख शत्रु के हृदय में शूल उठने लगते है।
नगरकोट में तुम्हीं विराजत।
तिहूं लोक में डंका बाजत॥
हिंदी में अर्थ – नगरकोट वाली देवी के रूप में आप ही विराजमान हैं। तीनों लोकों में आपके नाम का डंका बजता है।
शुम्भ निशुम्भ दानव तुम मारे।
रक्तबीज शंखन संहारे॥
हिंदी में अर्थ – हे मां! आपने शुम्भ और निशुम्भ जैसे राक्षसों का संहार किया व रक्तबीज (शुम्भ-निशुम्भ की सेना का एक राक्षस जिसे यह वरदान प्राप्त था की उसके रक्त की एक बूंद जमीन पर गिरने से सैंकड़ों राक्षस पैदा हो जाएंगे) तथा शंख राक्षस का भी वध किया।
महिषासुर नृप अति अभिमानी।
जेहि अघ भार मही अकुलानी॥
हिंदी में अर्थ – अति अभिमानी दैत्यराज महिषासुर के पापों के भार से जब धरती व्याकुल हो उठी।
रूप कराल कालिका धारा।
सेन सहित तुम तिहि संहारा॥
हिंदी में अर्थ – तब काली का विकराल रूप धारण कर आपने उस पापी का सेना सहित सर्वनाश कर दिया।
परी गाढ़ सन्तन पर जब जब।
भई सहाय मातु तुम तब तब॥
हिंदी में अर्थ – हे माता! संतजनों पर जब-जब विपदाएं आईं तब-तब आपने अपने भक्तों की सहायता की है।
अमरपुरी अरु बासव लोका।
तव महिमा सब रहें अशोका॥
हिंदी में अर्थ – हे माता! जब तक ये अमरपुरी और सब लोक विधमान हैं तब आपकी महिमा से सब शोकरहित रहेंगे।
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी।
तुम्हें सदा पूजें नर नारी॥
हिंदी में अर्थ – हे मां! श्री ज्वालाजी में भी आप ही की ज्योति जल रही है। नर-नारी सदा आपकी पुजा करते हैं।
प्रेम भक्ति से जो यश गावे।
दुख दारिद्र निकट नहिं आवे॥
हिंदी में अर्थ – प्रेम, श्रद्धा व भक्ति सेजों व्यक्ति आपका गुणगान करता है, दुख व दरिद्रता उसके नजदीक नहीं आते।
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई।
जन्म-मरण ताको छूटि जाई॥
हिंदी में अर्थ – जो प्राणी निष्ठापूर्वक आपका ध्यान करता है वह जन्म-मरण के बन्धन से निश्चित ही मुक्त हो जाता है।
जोगी सुर मुनि क़हत पुकारी।
योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥
हिंदी में अर्थ – योगी, साधु, देवता और मुनिजन पुकार-पुकारकर कहते हैं की आपकी शक्ति के बिना योग भी संभव नहीं है।
शंकर आचारज तप कीनो।
काम अरु क्रोध जीति सब
हिंदी में अर्थ – शंकराचार्यजी ने आचारज नामक तप करके काम, क्रोध, मद, लोभ आदि सबको जीत लिया।
निशिदिन ध्यान धरो शंकर को।
काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥
हिंदी में अर्थ – उन्होने नित्य ही शंकर भगवान का ध्यान किया, लेकिन आपका स्मरण कभी नहीं किया।
शक्ति रूप को मरम न पायो।
शक्ति गई तब मन पछतायो॥
हिंदी में अर्थ – आपकी शक्ति का मर्म (भेद) वे नहीं जान पाए। जब उनकी शक्ति छिन गई, तब वे मन-ही-मन पछताने लगे।
शरणागत हुई कीर्ति बखानी।
जय जय जय जगदम्ब भवानी॥
हिंदी में अर्थ – आपकी शरण आकार उनहोंने आपकी कीर्ति का गुणगान करके जय जय जय जगदम्बा भवानी का उच्चारण किया।
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा।
दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥
हिंदी में अर्थ – हे आदि जगदम्बा जी! तब आपने प्रसन्न होकर उनकी शक्ति उन्हें लौटाने में विलम्ब नहीं किया।
मोको मातु कष्ट अति घेरो।
तुम बिन कौन हरै दुख मेरो॥
हिंदी में अर्थ – हे माता! मुझे चारों ओर से अनेक कष्टों ने घेर रखा है। आपके अतिरिक्त इन दुखों को कौन हर सकेगा?
आशा तृष्णा निपट सतावें।
मोह मदादिक सब विनशावें॥
हिंदी में अर्थ – हे माता! आशा और तृष्णा मुझे निरन्तर सताती रहती हैं। मोह, अहंकार, काम, क्रोध, ईर्ष्या भी दुखी करते हैं।
शत्रु नाश कीजै महारानी।
सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥
हिंदी में अर्थ – हे भवानी! मैं एकचित होकर आपका स्मरण करता हूँ। आप मेरे शत्रुओं का नाश कीजिए।
करो कृपा हे मातु दयाला।
ऋद्धि सिद्धि दे करहु निहाला॥
हिंदी में अर्थ – हे दया बरसाने वाली अम्बे मां! मुझ पर कृपा दृष्टि कीजिए और ऋद्धि-सिद्धि आदि प्रदान कर मुझे निहाल कीजिए।
जब लगि जिऊँ दया फल पाऊँ।
तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊँ॥
हिंदी में अर्थ – हे माता! जब तक मैं जीवित रहूँ सदा आपकी दया दृष्टि बनी रहे और आपकी यशगाथा (महिमा वर्णन) मैं सबको सुनाता रहूँ।
दुर्गा चालीसा जो नित गावै।
सब सुख भोग परम पद पावै॥
हिंदी में अर्थ – जो भी भक्त प्रेम व श्रद्धा से दुर्गा चालीसा का पाठ करेगा, सब सुखों को भोगता हुआ परमपद को प्राप्त होगा।
देविदास शरण निज जानी।
करहु कृपा जगदम्ब भवानी॥
हिंदी में अर्थ – हे जगदमबा! हे भवानी! ‘देविदास’ को अपनी शरण में जानकर उस पर कृपा कीजिए।
श्री दुर्गा चालीसा (Shree Durga Chalisa Lyrics in English) -
namo namo durge sukh karen.
namo namo ambe dukh haranee.
hindee mein arth – sukh pradaan karane vaalee maan durga ko mera namaskaar hai. dukhee harane vaalee maan shree amba ko mera namaskaar hai.
niraakaar hai jyorti tum.
tihoon lok katha ujiyaaree.
hindee mein arth –aapakee jyoti jyotirmay hai, jisake teen loko (prthvee, aakaash, paataal) mein prakaash phail raha hai.
shashi lalaat mukh mahaavishaala.
netr laal bhrkutee vikraala.
hindee mein arth – aapaka mastak chandrama ke samaan aur mukh ati vishaal hai. netr raktim evan bhrkutiyaan vikaraal roop hain.
roop maatu ko adhik suhaave.
darash karat jan ati sukh paave.
hindee mein arth –maan durga ka yah roop atyadhik suhaavana hai. isake darshan karane se bhakton ko param sukh praapt hota hai.
tum sansaar shakti lay keena.
paalana ann dhan deena.
hindee mein arth – sansaar kee sabhee shaktiyon ko aapane apane mein sameta hai. jagat ke lie ann aur dhan pradaan kiya jaata hai.
annapoorna huee jag paala.
hee tum aadi sundaree baala.
hindee mein arth –annapoorna ka roop dhaaran kar aap hee jagat paalan karatee hain aur aadi sundaree baala ke roop mein bhee aap hee hain.
pralayakaal sab naashan haaree.
tum gauree shivashankar pyaaree.
hindee mein arth – pralayakaal mein aap hee vishv ka naash karate hain. bhagavaan shankar kee priya gauree-paarvatee bhee aap hee hain.
shiv yogee tumhare gun gaaven.
brahma vishnu byaavar nit dhyaaven.
hindee mein arth – shiv va sabhee yogee aapaka gunagaan karate hain. brahma-vishnu sahit sabhee devata nity aapaka dhyaan karate hain.
roop mein sarasvatee ko tum dhaara.
de subuddhi rshi munin ubara.
hindee mein arth – aapane hee maan sarasvatee ka roop dhaaran kar rshi-muniyon ko sadbuddhi pradaan kee aur unake khaate.
dhara roop narasinh ko amba.
prakat ho raha hoon aavaaz khamba.
hindee mein arth –he ambe maata! aap hee ne shree narasinh ka roop dhaaran kiya tha aur khambe ko cheerakar prakat hue the.
raksha kari prahalaad bachaayo.
hiranaakush ko svarg pathayo.
hindee mein arth –aapane bhakt prahalaad kee raksha karake hiranyakashyap ko svarg pradaan kiya, kyokin vah aapake haathon maara gaya.
lakshmee roop dharo jag maaheen.
shree naaraayan ang samaahin.
hindee mein arth –lakshmeejee ka roop dhaaran kar aap hee ksheerasaagar mein shree naaraayan ke saath sheshya par viraajamaan hain.
ksheerasindhu mein karat vilaasa.
dayaasindhu deejai man aas.
hindee mein arth – ksheerasaagar mein bhagavaan vishnu ke saath viraajamaan he dayaasindhu devee! aap mere man kee aashaon ko poorn karen.
hijjal mein tum yaad bhavaanee.
mahima amit na jaat bakhaanee.
hindee mein arth –hingalaaj kee devee bhavaanee ke roop mein aap hee prasiddh hain. aapakee mahima ka bakhaan nahin kiya ja sakata hai.
maatangee dhoomaavati maata.
bhuvanaari bagala heedar.
hindee mein arth –maatangee devee aur dhoomaavatee bhee aap bhuvanahaaree aur bagal vaalee devee ke roop mein bhee sukh kee daatree hain.
shree bhairav taara jag taarinee.
chhinn bhaal bhav dukh nivaarini.
hindee mein arth – shree bhairavee aur taaraadevee ke roop mein aap satyagranth hain. chhinnamasta ke roop mein aap bhavasaagar ke kasht door karate hain.
keharee vaahan soh bhavaanee.
laangur veer chalat agavaanee.
hindee mein arth – gaadee ke roop mein sinh par savaar he bhavaanee! laangur (hanumaan jee) jaise veer aapakee agavaanee karate hain.
kar mein khappar khadg viraaje.
jaako dekh kaal dar bhaaje.
hindee mein arth – aapake haathon mein jab kaalaroopee khappar va khadg hota hai to dekhakar unhen kaal bhee bhayagrast ho jaata hai.
sohe astr aur trishool.
ban uthat shatru hay shoola.
hindee mein arth – haathon mein mahaashaktishaalee astr-shastr aur trishool maany hote hue aapake roop mein shatru ke hrday mein shool utpann hota hai.
nagarakot mein aap seemit viraajat.
tihoon lok mein danka bajaat.
hindee mein arth – nagarakotavaalee devee ke roop mein aap hee viraajamaan hain. teenon logon mein aapake naam ka danka bajata hai.
shubh nishumbh daanav tum maare.
raktabeej shankhan sanhaare.
hindee mein arth – he maan! aapane shumbh aur nishumbh jaise raakshason ka sanhaar kiya va raktabeej (shumbh-nishumbh kee sena ka ek raakshas jise yah varadaan praapt kiya tha kee rakt usake ek kone jameen par girane se sainkadon raakshas paida ho jaenge) tatha shankh raakshas ka bhee vadh kiya.
mahishaasur nrp ati abhimi.
jehi agh bhaar maahee akulaanee.
hindee mein arth –ati abhimaanee daityaraaj mahishaasur ke paapon ke bhaar se jab prthvee vyaakul houbhee.
roop kaalika dhaara.
sen sahit tum tihi sanhaara.
hindee mein arth – tab kaalee ka vikaraal roop dhaaran kar aapane us paapee ka sena sahit sarvanaash kar diya.
paree gaadh sant par jab.
bhaee sahaay maatu tum tab tab.
hindee mein arth – he maata! santajanon par jab-jab vipadaen aaeen tab-tab aapane apane bhakton kee sahaayata kee hai.
amarapuree aru baasav loka.
tav mahima sabje ashoka.
hindee mein arth – he maata! jab tak ye amarapuree aur sab lok vidhamaan hain tab aapakee mahima se sab shok anupayogee rahenge.
jvaala mein jyotirmay hai.
eeshvar sada poojen nar naaree.
hindee mein arth – he maan! shree jvaalaajee mein bhee aap hee kee jyoti jal rahee hai. nar-naaree sada aapakee pooja karate hain.
prem bhakti se jo yash gaave.
dukhad daaridr nikat nahin aave.
hindee mein arth –prem, shraddha va bhakti sejon vyakti aapaka gunagaan karata hai, dukh va daridrata usake nikat nahin aate.
dhyaave hed jo nar man lai.
janm-maran taako chhooti jay.
hindee mein arth –jo praanee nishthaapoorvak aapaka dhyaan karata hai vah janm-maran ke bandhan se nishchit hee mukt ho jaata hai.
jogee sur muni qahat kahalee.
yog na ho roling shakti tum.
hindee mein arth – yogee, saadhu, devata aur munijin kol-pukaarakar kahate hain kee aapakee shakti ke bina yog bhee sambhav nahin hai.
shankar aachaary tap keeno.
kaam aru krodh jeeti sab
hindee mein arth – shankaraachaaryajee ne aachaary naamak tap karake kaam, krodh, mad, lobh aadi ravivaar jeet liya.
nishidin dhyaan dharo shankar ko.
kaahu kaal nahin sumiro tumako.
hindee mein arth –unhonne nity hee shankar bhagavaan ka dhyaan kiya, lekin aapaka smaran kabhee nahin kiya.
shakti ke roop mein maram na paayo.
shakti gaee tab man pachhataayo.
hindee mein arth – aapakee shakti ka marm (bhed) ve nahin jaan pae. jab unakee shakti chhin gaee, tab ve man-hee-man pachhataane lage.
sharanaagat huee keerti bakhaanee.
jay jay jay jagadamb bhavaanee.
hindee mein arth – aapakee sharan aakaar unhen aapakee keerti ka gunagaan karake jay jay jagadamba bhavaanee ka uchchaaran kiya.
bhaee aadi jagadamba.
daee shakti nahin keen vilamb.
hindee mein arth –he aadi jagadamba jee! tab aapane prasannata kee shakti unhen lautaane mein vilamb nahin kiya.
moko maatu dukh ghor ghor aparaadh.
tum bin kaun harai dukh mero.
hindee mein arth – he maata! mere chaaron or se kaee museebaton ne likha hai. aapake atirikt in dukhon ko kaun har sambhav kar sakata hai?
aasha trshna sataaven.
moh madaadik sab vinashaaven.
hindee mein arth – he maata! aasha aur trshna mujhe nirantar sataatee rahatee hain. moh, ahankaar, kaam, krodh, avishvaas bhee bechain karate hain.
shatru naash keejai mahaaraanee.
sumiraun ichichit eeshvar bhavaanee.
hindee mein arth – he bhavaanee! main ekachit tumhaara smaran karata hoon. aap mere shatruon ka naash karen.
karo krpa he maatu dayaala.
rddhi siddhi de karahu nihaala.
hindee mein arth – he maryaada rakhane vaalee ambe maan! mujh par krpaadrshti aur rddhi-siddhi aadi pradaan kar mujhe nihaal.
jab lagi jioon daya phal paoon.
tumharo yash main sada sunaoon.
hindee mein arth – he maata! jab tak main jeevit rahoon sada tumhaaree daya drshti banee rahe aur tumhaara yashagaatha (mahima varnan) main haradam sunata rahoon.
durga sentina jo nit gaavai.
sab sukh bhog param pad paavai.
hindee mein arth – jo bhee bhakt prem va shraddha se durga shataabdee ka paath karenge, sab sukhon ko bhogata hua paramapad ko praapt hoga.
deveedaas sharan nij gyaati.
karahu krpa jagadamb bhavaanee.
hindee mein arth – he jagadamba! he bhavaanee! deveedaas ko apanee sharan mein jaanakar us par krpa keejie.
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