सांसो का क्या ठिकाना रुक जाए चलते चलते भजन लिरिक्स (sanso ka kya thikana ruk jaaye chalte chalte Lyrics in Hindi) -
सांसो का क्या ठिकाना रुक जाए चलते चलते
प्राणो की रौशनी भी भुज जाए चलते चलते ||
जीवन है सपन जैसा दो दिन का है बसेरा
आये गई मौत निश्चित ले जाए बचते बचते
सांसो का क्या ठिकाना रुक जाए चलते चलते ||
जीवन है इक तमाशा पानी में जो बताशा
नशवर है बून्द बून्द जो घुल जाए घुलते घुलते
सांसो का क्या ठिकाना रुक जाए चलते चलते ||
आएगा एक झोका जीवन का दीप है गुल
पेड़ो पे चेह चहाती निष् पंथ है ये बुलबुल
सांसो का क्या ठिकाना रुक जाए चलते चलते ||
कितने ही घर वसाये कितने ही घर उजाड़े
साई रहा न रही सवासो के घटते घटते
सांसो का क्या ठिकाना रुक जाए चलते चलते ||
अरमान लम्बे बांधे टूटे न तार सारे
अंतिम समय में सब ही रहे हाथ मलते मलते
सांसो का क्या ठिकाना रुक जाए चलते चलते ||
आया था हाथ खाली खाली ही हाथ जाना
परिवार और प्रिये जन रह जाए रोते रोते
सांसो का क्या ठिकाना रुक जाए चलते चलते ||
स्वासो के ही सहारे जीवन के खेल सारे
सांसो का ये पिटारा झुक जाए झुकते झुकते
सांसो का क्या ठिकाना रुक जाए चलते चलते ||
संवासो के तार सारे प्रभु नाम के सहारे
बांधे गे अमर नर मर जाए हस्ते हस्ते
सांसो का क्या ठिकाना रुक जाए चलते चलते ||
सुख पुरण स्वर अवसर बे मुख यु न खोये
बिक्शन भमर से तर जा प्रभु नाम रट ते रट ते
सांसो का क्या ठिकाना रुक जाए चलते चलते ||
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