कृपा की न होती जो आदत तुम्हारी भजन लिरिक्स (Kripa Ki Jo Hoti Naa Aadat Tumhari Lyrics in Hindi) -
कृपा की न होती जो आदत तुम्हारी
तो सूनी ही रहती अदालत तुम्हारी
ओ दोनों के दिल में जगह तुम न पाते
तो किस दिल में होती हिफाजत तुम्हारी
कृपा की ना होती.....||
ग़रीबों की दुनिया है आबाद तुमसे
ग़रीबों से है बादशाहत तुम्हारी
कृपा की ना होती.....||
न मुल्जिम ही होते न तुम होते हाकिम
न घर-घर में होती इबादत तुम्हारी
कृपा की ना होती.....||
तुम्हारी उल्फ़त के दृग ‘बिन्दु’ हैं वे
तुम्हें सौंपते है अमानत तुम्हारी
कृपा की ना होती.....||
*** Singer- Nikunj Kamra ***
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