ऐ साँसों शिव की याद बिना
चलते रहना किस काम का है
मेरे प्राणो प्रभु के प्यार बिना
तन में रहना बस नाम का है
ऐ साँसों शिव की याद बिना
प्यासी धरती की प्यास बुझे
बादल बरसे बरसात बने
मुख से शिव का अमृत बरसे
जब मन हरसे ताब बात बने
गुणगान किया न भगवान का
गुणगान किया न भगवान का
गाते रहना किस काम का है
ऐ साँसों शिव की याद बिना
दुनिया में लाखो आते है
आते और जाते रहते है
पर अमर जो उपकार करे
और दिल से सेवा करते है
मेरे मन ईश्वर के जाने बिना
मेरे मन ईश्वर के जाने बिना
फिरते रहना किस काम का है
ऐ साँसों शिव की याद बिना
चलते रहना किस काम का है
मेरे प्राणो प्रभु के प्यार बिना
तन में रहना बस नाम का है
ऐ साँसों शिव की याद बिना ||
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