माटी कहे कुम्हार से तू क्या रोंदे मोहे भजन लिरिक्स (Maati Kahe Kumbhar Se Lyrics in Hindi) -
माटी कहे कुम्हार से तू क्या रोंदे मोहे
एक दिन ऐसा आएगा मैं रोंदूगी तोहे ।
आये हैं तो जायेंगे राजा रंक फ़कीर
एक सिंघासन चडी चले एक बंदे जंजीर ।
दुर्बल को ना सतायिये जाकी मोटी हाय
बिना जीब के स्वास से लोह भसम हो जाए ।
चलती चक्की देख के दिया कबीर रोये
दो पाटन के बीच में बाकी बचा ना कोई ।
दुःख में सुमिरन सब करे सुख में करे ना कोई
जो सुख में सुनिरण करे दुःख कहे को होए ।
पत्ता टूटा डाल से ले गयी पवन उडाय
अबके बिछड़े कब मिलेंगे दूर पड़ेंगे जाय ।
कबीर आप ठागायिये और ना ठगिये
आप ठगे सुख उपजे और ठगे दुःख होए ।
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