हर ग्यारस की रात को बाबा को बुलाएँगे
बाबा को बुलाएँगे ह्रदय में बसायेंगे
बाबा तेरे स्वागत में पलके भी बिछाई हैं
घर के हर कोने में कलियाँ भी सजाई हैं
तेरे चरणों में बाबा हम सर को झुकायेंगे
बाबा को बुलाएँगे ह्रदय में बसायेंगे
चन्दन की चौकी पर तेरा आसन सजाया है
तेरी सांवली सूरत को नैनो में बसाया है
तेरे नाम के बाबा जी जयकारे लगाएंगे
बाबा को बुलाएँगे ह्रदय में बसायेंगे
लिख लिख कर नरेश भजन प्रेमियों को सुनाएगा
मस्त में झूम झूम कर बाबा भी गायेगा
तेरी ज्योत जागकर हम हर पल निहारेंगे
बाबा को बुलाएँगे ह्रदय में बसायेंगे
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