संकटा माता आरती (Sankata Mata Aarti Lyrics in Hindi) - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 

संकटा माता आरती (Sankata Mata Aarti Lyrics in Hindi) - Bhaktilok


जय जय संकटा भवानी

करहूं आरती तेरी ।

शरण पड़ी हूँ तेरी माता

अरज सुनहूं अब मेरी ॥

जय जय संकटा भवानी..॥


नहिं कोउ तुम समान जग दाता

सुर-नर-मुनि सब टेरी ।

कष्ट निवारण करहु हमारा

लावहु तनिक न देरी ॥

जय जय संकटा भवानी..॥


काम-क्रोध अरु लोभन के वश

पापहि किया घनेरी ।

सो अपराधन उर में आनहु

छमहु भूल बहु मेरी ॥

जय जय संकटा भवानी..॥


हरहु सकल सन्ताप हृदय का

ममता मोह निबेरी ।

सिंहासन पर आज बिराजें

चंवर ढ़ुरै सिर छत्र-छतेरी ॥

जय जय संकटा भवानी..॥


खप्पर खड्ग हाथ में धारे

वह शोभा नहिं कहत बनेरी ॥

ब्रह्मादिक सुर पार न पाये

हारि थके हिय हेरी ॥

जय जय संकटा भवानी..॥


असुरन्ह का वध किन्हा

प्रकटेउ अमत दिलेरी ।

संतन को सुख दियो सदा ही

टेर सुनत नहिं कियो अबेरी ॥

जय जय संकटा भवानी..॥


गावत गुण-गुण निज हो तेरी

बजत दुंदुभी भेरी ।

अस निज जानि शरण में आयऊं

टेहि कर फल नहीं कहत बनेरी ॥

जय जय संकटा भवानी..॥


जय जय संकटा भवानी

करहूं आरती तेरी ।

भव बंधन में सो नहिं आवै

निशदिन ध्यान धरीरी ॥


जय जय संकटा भवानी

करहूं आरती तेरी ।

शरण पड़ी हूँ तेरी माता

अरज सुनहूं अब मेरी ॥





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