भगवान श्री कुबेर जी आरती (Bhagwan Shri Kuber Ji Aarti in Hindi) - Bhakti lok

Deepak Kumar Bind




भगवान श्री कुबेर जी आरती (Bhagwan Shri Kuber Ji Aarti in Hindi):-


ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे

स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे ।

शरण पड़े भगतों के

भण्डार कुबेर भरे ।

॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥


शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े

स्वामी भक्त कुबेर बड़े ।

दैत्य दानव मानव से

कई-कई युद्ध लड़े ॥

॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥


स्वर्ण सिंहासन बैठे

सिर पर छत्र फिरे

स्वामी सिर पर छत्र फिरे ।

योगिनी मंगल गावैं

सब जय जय कार करैं ॥

॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥


गदा त्रिशूल हाथ में

शस्त्र बहुत धरे

स्वामी शस्त्र बहुत धरे ।

दुख भय संकट मोचन

धनुष टंकार करें ॥

॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥


भांति भांति के व्यंजन बहुत बने

स्वामी व्यंजन बहुत बने ।

मोहन भोग लगावैं

साथ में उड़द चने ॥

॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥


बल बुद्धि विद्या दाता

हम तेरी शरण पड़े

स्वामी हम तेरी शरण पड़े ।

अपने भक्त जनों के

सारे काम संवारे ॥

॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥


मुकुट मणी की शोभा

मोतियन हार गले

स्वामी मोतियन हार गले ।

अगर कपूर की बाती

घी की जोत जले ॥

॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥


यक्ष कुबेर जी की आरती

जो कोई नर गावे

स्वामी जो कोई नर गावे ।

कहत प्रेमपाल स्वामी

मनवांछित फल पावे ॥

॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥


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