हार के जब गया श्याम के द्वार पे हर ख़ुशी मिल गई है मुझे
ज़िन्दगी मिल गई है मुझे मेरे श्याम ...ज़िन्दगी मिल गई है मुझे
लड़खड़ाते कदम अब सँभालने लगे
तेरी राहों पे जब श्याम चलने लगे
अब अन्डेरो का डर ना सताए मुझे
रौशनी मिल गई है मुझे
ज़िन्दगी मिल गई है मुझे मेरे श्याम ..
ज़िन्दगी मिल गई है मुझे
मेरे विश्वास को टूटने ना दिया
तुमने गैरों के आगे ना झुकने दिया
तेरी चौखट पे जब मेरे आंसू गिरे
ताज़गी मिल गई है मुझे
ज़िन्दगी मिल गई है मुझे मेरे श्याम ..
ज़िन्दगी मिल गई है मुझे
मेरी हर सांस पर नाम तेरा रहे
तुमसे साहिल प्रभु बस इतना कहे
न वो चरणों से दूर बाबा तेरा मयूर
बंदगी मिल गई है मुझे
ज़िन्दगी मिल गई है मुझे मेरे श्याम ..
ज़िन्दगी मिल गई है मुझे
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