श्याम नाम की सर पे है छतरी भजन इन हिंदी लिरिक्स
श्याम नाम की सर पे है छतरी |
काँटों भरी कोई राह नहीं |
ग़मों की बारिश आ जाए तो |
हमें कोई परवाह नहीं।
श्याम नाम की सर पे है छतरी |
काँटों भरी कोई राह नहीं |
ग़मों की बारिश आ जाए तो |
हमें कोई परवाह नहीं।
साए मैं हूँ श्याम नाम के |
हमें धूप की फ़िकर नहीं |
चाहे ओले बरसे दुखों के |
हमको कोई असर नहीं |
हमकों कोई असर नहीं |
हमसे बड़ा कोई शाह नहीं |
ग़मों की बारिश आ जाए तो |
हमें कोई परवाह नहीं।
श्याम नाम की सर पे है छतरी |
काँटों भरी कोई राह नहीं।
क्यों आँधी से घबराऊँ मैं |
आगे मेरा श्याम चले |
नहीं छोड़ता पल भर मुझको |
साथ वो सुबह शाम चले |
पल भर को भी श्याम की मुझसे |
हटती निग़ाह नहीं |
ग़मों की बारिश आ जाए तो |
हमें कोई परवाह नहीं।
श्याम नाम की सर पे है छतरी |
काँटों भरी कोई राह नहीं।
जबसे हूँ मैं उसकी नजर में |
नजर मेरी कभी झुकी नहीं |
आँगन में बरसात ख़ुशी की |
पल भर को भी रुकी नहीं |
सब कुछ पाया श्याम के दर से |
रही मुझे कोई चाह नहीं |
ग़मों की बारिश आ जाए तो |
हमें कोई परवाह नहीं।
श्याम नाम की सर पे है छतरी |
काँटों भरी कोई राह नहीं।
श्याम नाम की सर पे है छतरी |
काँटों भरी कोई राह नहीं |
ग़मों की बारिश आ जाए तो |
हमें कोई परवाह नहीं।
श्याम नाम की सर पे है छतरी |
काँटों भरी कोई राह नहीं |
ग़मों की बारिश आ जाए तो |
हमें कोई परवाह नहीं !!
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