राधे कहाँ छुपाई रै मेरी बाँस बाँसुरिया प्यारी भजन इन हिंदी लिरिक्स
ओ राधे कहाँ छुपाई रै |
मेरी बाँस बाँसुरिया प्यारी |
बिना मुरलिया जी नहीं लागे |
प्राणों से अति प्यारी |
ओ राधे कहाँ छुपाई रै |
मेरी बाँस बाँसुरिया प्यारी |
कान्हां नहीं बताऊ रे |
कहाँ है बांस बसुरिया प्यारी |
सगरे दिन को रासो तेरो |
लागे अजब बीमारी |
कान्हां नहीं बताऊ रे |
कहाँ है बांस बसुरिया प्यारी |
ओ राधे कहाँ छुपाई रै |
मेरी बाँस बाँसुरिया प्यारी।
तू बाहे क्यों कहे बीमारी |
सुनकर झूमें गोपियाँ सारी |
जब जब छेड़ूँ तान मुरलिया |
आगे पीछे सब नर नारी |
मन चाहा जुर्माना लेले |
दे दे बंसी हमारी |
कान्हां नहीं बताऊ रे |
कहाँ है बांस बसुरिया प्यारी |
ओ राधे कहाँ लुकाई रै |
मेरी बाँस बाँसुरिया प्यारी।
जानूँ मैं सब तोरे मन की |
कहे गुजरिया वृन्दावन की |
कंकर मारे तू ललिता को |
नैन लड़ावे फोड़े मटकी |
बंसी का तू करे बहाना |
जानूं मैं बात सारी |
ओ राधे कहाँ लुकाई रै |
मेरी बाँस बाँसुरिया प्यारी |
कान्हां नहीं बताऊ रे |
कहाँ है बांस बसुरिया प्यारी।
सबसे ज्यादा तू ही झूमें |
मेरे आगे पीछे घूमें |
बंसी में क्या खोट छुपा है |
तुझे बुरा क्या दिखता मुझमे |
बंसी खातिर अरज करूँ मैं |
तू नाराज मचा री |
कान्हां नहीं बताऊ रे |
कहाँ है बांस बसुरिया प्यारी |
ओ राधे कहाँ लुकाई रै |
मेरी बाँस बाँसुरिया प्यारी।
अच्छा चल बंसी दे दूँगी |
लेकिन धुन बस मैं ही सुनूंगी |
इक दिन भी जो ना ही सुनाई |
बरसाने ना आने दूंगी |
वरना तोरी डंडे से |
लुंगी ख़बरिया सारी |
ओ राधे कहाँ लुकाई रै |
मेरी बाँस बाँसुरिया प्यारी |
कान्हां नहीं बताऊ रे |
कहाँ है बांस बसुरिया प्यारी।
मुरली व्हे गई सौतन मोरी |
जाने सगरी निंदिया तोड़ी |
ना जाने क्या दिखे इसमें |
पागल व्हे गई गाम की छोरी |
समझ ना आए मोहे कान्हां |
काहे सब कुछ हारी |
ओ राधे कहाँ लुकाई रै |
मेरी बाँस बाँसुरिया प्यारी।
कान्हां नहीं बताऊ रे |
कहाँ है बांस बसुरिया प्यारी।
अच्छा मानूँ बात मैं तेरी |
अब तो दे दे बंसरी मेरी |
ना छेड़ूँ ना फोड़ू मटकी |
नहीं करूँगा माखन चोरी |
वापस दे दे मुरली मेरी |
राधे भोली भाली |
कान्हां नहीं बताऊ रे |
कहाँ है बांस बसुरिया प्यारी |
ओ राधे कहाँ लुकाई रै |
मेरी बाँस बाँसुरिया प्यारी।
कान्हाँ ले जा बंसी तू |
तुझे जो प्राणों से अति प्यारी |
रोज सुनूंगी धुन मुरली की |
सुनले बात हमारी |
कान्हाँ ले जा बंसी तू |
तुझे जो प्राणों से अति प्यारी |
राधे मिल गई बंसी रे |
भुला बात तुम्हारी सारी |
करना शरारत कैसे छोडूं |
मैं हूँ लीलाहारी।
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