राधे कहाँ छुपाई रै मेरी बाँस बाँसुरिया प्यारी भजन इन हिंदी लिरिक्स

Deepak Kumar Bind

राधे कहाँ छुपाई रै मेरी बाँस बाँसुरिया प्यारी भजन इन हिंदी लिरिक्स



 ओ राधे कहाँ छुपाई रै |

मेरी बाँस बाँसुरिया प्यारी |

बिना मुरलिया जी नहीं लागे |

प्राणों से अति प्यारी |

ओ राधे कहाँ छुपाई रै |

मेरी बाँस बाँसुरिया प्यारी |

कान्हां नहीं बताऊ रे |

कहाँ है बांस बसुरिया प्यारी |

सगरे दिन को रासो तेरो |

लागे अजब बीमारी |

कान्हां नहीं बताऊ रे |

कहाँ है बांस बसुरिया प्यारी |

ओ राधे कहाँ छुपाई रै |

मेरी बाँस बाँसुरिया प्यारी।


तू बाहे क्यों कहे बीमारी |

सुनकर झूमें गोपियाँ सारी |

जब जब छेड़ूँ तान मुरलिया |

आगे पीछे सब नर नारी |

मन चाहा जुर्माना लेले |

दे दे बंसी हमारी |

कान्हां नहीं बताऊ रे |

कहाँ है बांस बसुरिया प्यारी |

ओ राधे कहाँ लुकाई रै |

मेरी बाँस बाँसुरिया प्यारी।


जानूँ मैं सब तोरे मन की |

कहे गुजरिया वृन्दावन की |

कंकर मारे तू ललिता को |

नैन लड़ावे फोड़े मटकी |

बंसी का तू करे बहाना |

जानूं मैं बात सारी |

ओ राधे कहाँ लुकाई रै |

मेरी बाँस बाँसुरिया प्यारी |

कान्हां नहीं बताऊ रे |

कहाँ है बांस बसुरिया प्यारी।


सबसे ज्यादा तू ही झूमें |

मेरे आगे पीछे घूमें |

बंसी में क्या खोट छुपा है |

तुझे बुरा क्या दिखता मुझमे |

बंसी खातिर अरज करूँ मैं |

तू नाराज मचा री |

कान्हां नहीं बताऊ रे |

कहाँ है बांस बसुरिया प्यारी |

ओ राधे कहाँ लुकाई रै |

मेरी बाँस बाँसुरिया प्यारी।


अच्छा चल बंसी दे दूँगी |

लेकिन धुन बस मैं ही सुनूंगी |

इक दिन भी जो ना ही सुनाई |

बरसाने ना आने दूंगी |

वरना तोरी डंडे से |

लुंगी ख़बरिया सारी |

ओ राधे कहाँ लुकाई रै |

मेरी बाँस बाँसुरिया प्यारी |

कान्हां नहीं बताऊ रे |

कहाँ है बांस बसुरिया प्यारी।



मुरली व्हे गई सौतन मोरी |

जाने सगरी निंदिया तोड़ी |

ना जाने क्या दिखे इसमें |

पागल व्हे गई गाम की छोरी |

समझ ना आए मोहे कान्हां |

काहे सब कुछ हारी |

ओ राधे कहाँ लुकाई रै |

मेरी बाँस बाँसुरिया प्यारी।

कान्हां नहीं बताऊ रे |

कहाँ है बांस बसुरिया प्यारी।


अच्छा मानूँ बात मैं तेरी |

अब तो दे दे बंसरी मेरी |

ना छेड़ूँ ना फोड़ू मटकी |

नहीं करूँगा माखन चोरी |

वापस दे दे मुरली मेरी |

राधे भोली भाली |

कान्हां नहीं बताऊ रे |

कहाँ है बांस बसुरिया प्यारी |

ओ राधे कहाँ लुकाई रै |

मेरी बाँस बाँसुरिया प्यारी।


कान्हाँ ले जा बंसी तू |

तुझे जो प्राणों से अति प्यारी |

रोज सुनूंगी धुन मुरली की |

सुनले बात हमारी |

कान्हाँ ले जा बंसी तू |

तुझे जो प्राणों से अति प्यारी |

राधे मिल गई बंसी रे |

भुला बात तुम्हारी सारी |

करना शरारत कैसे छोडूं |

मैं हूँ लीलाहारी।


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