मुझे दर पे बुला ले माँ मिल ने को तरस ता हु भजन इन हिंदी लिरिक्स

Deepak Kumar Bind

मुझे दर पे बुला ले माँ मिल ने को तरस ता हु भजन इन हिंदी लिरिक्स



 मुझे दर पे बुला ले माँ मिल ने को तरस ता हु ,

जीता हु न मरता हु ,

मुझे दर पे बुला ले माँ मिल ने को तरस ता हु ,


सांसो में है तू मैया नैनो में समाई है ,

बिगी है मेरी पलके जब याद तू आई है ,

कोई जाने न दर्द मेरा कितना मैं तडपता हु ,

मुझे दर पे बुला ले माँ मिल ने को तरस ता हु ,


सुन के माँ सदा मेरी मेरे पास जो आ जाती ,

दुनिया ही नही मेरी किस्मत भी बदल जाती ,

बंजारों सा बेघर हु पागल सा भटकता हु ,

मुझे दर पे बुला ले माँ मिल ने को तरस ता हु ,


अब तू ही बता मैया कैसे मैं सहू दुरी ,

जो मन की मुरादे है कर दे माँ सभी पूरी ,

बड़ा गम दीन बलजीत मैं रोता हु बिलखता हु ,

मुझे दर पे बुला ले माँ मिल ने को तरस ता हु !!


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