मुझे दर पे बुला ले माँ मिल ने को तरस ता हु भजन इन हिंदी लिरिक्स
मुझे दर पे बुला ले माँ मिल ने को तरस ता हु ,
जीता हु न मरता हु ,
मुझे दर पे बुला ले माँ मिल ने को तरस ता हु ,
सांसो में है तू मैया नैनो में समाई है ,
बिगी है मेरी पलके जब याद तू आई है ,
कोई जाने न दर्द मेरा कितना मैं तडपता हु ,
मुझे दर पे बुला ले माँ मिल ने को तरस ता हु ,
सुन के माँ सदा मेरी मेरे पास जो आ जाती ,
दुनिया ही नही मेरी किस्मत भी बदल जाती ,
बंजारों सा बेघर हु पागल सा भटकता हु ,
मुझे दर पे बुला ले माँ मिल ने को तरस ता हु ,
अब तू ही बता मैया कैसे मैं सहू दुरी ,
जो मन की मुरादे है कर दे माँ सभी पूरी ,
बड़ा गम दीन बलजीत मैं रोता हु बिलखता हु ,
मुझे दर पे बुला ले माँ मिल ने को तरस ता हु !!
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