चाहे जमाना रूठे पर ये लगन न छुटे भजन इन हिंदी लिरिक्स

Deepak Kumar Bind

चाहे जमाना रूठे पर ये लगन न छुटे भजन इन हिंदी लिरिक्स



चाहे जमाना रूठे पर ये लगन न छुटे |

रहे साथ में सदा साँवरा साथ कभी ना छुटे |

दुनियाँ ना मेरे किसी काम की |

मैं तू दीवानी अपने श्याम की |

चाहे ज़माना रूठे पर ये लगन ना छूटे |


श्याम है जबसे मन में समाया |

कितनी बदल गई जीवन की छाया |

हर सपना पूरा होने लगा है |

कितनी निराली है इसकी माया |

अब चाहे हर रिश्ता टूटे बस ये संग ना छुटे

मिली है निशानी जब से नाम की |

मैं तो दीवानी अपने श्याम की |

महिमा निराली इसके धाम की |

मैं तो दीवानी अपने श्याम की

चाहे ज़माना रूठे पर ये लगन ना छूटे।।


इसकी कृपा शोहरत मिली है |

मुरझाए मन की कली हर खिली है |

गिरने ना मुझको उसने दिया है |

मिला जख्म जो भी उसी ने सियाँ है |

अब चाहे गम जितने टूटे पर दामन ना छुटे |

महिमा निराली इसके धाम की |

मैं तो दीवानी अपने श्याम की

चाहे ज़माना रूठे पर ये लगन ना छूटे।।


शाम को जो भी अपना बनाए बेचैनी धीरज पाये |

श्याम को जो भी गुणगान गाये |

रहे दूर उससे सदा दुःख की साये |

बनके दीवाना वो यश लुटे बाकि लगे सब झूठे |

पूजा करू में खाटू धाम |

मैं तो दीवानी अपने श्याम की |



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