मैं भोला पर्वत का रे तू रानी महल की भजन इन हिंदी

Deepak Kumar Bind

 मैं भोला पर्वत का रे तू रानी महल कीभजन इन हिंदी


मैं भोला पर्वत का रे तू रानी मेहला की,

तेरी मेरी पार पड़े ना बेवकूफ लिखी पहली की,


मैं भोला पर्वत का रे तू रानी मेहला की,

तेरी मेरी पार पड़े ना बेवकूफ लिखी पहली की,


किसे राजा ते ब्याह करवले मेरी जेल म रह पछतावेगी,

तेरी काया पडज्या काली आर तन्ने याद महल की आवेगी,


मेरा कंबल तक का ब्योंत नहीं जादे मैं थर-थर काम करूंगी,

मैं आंख तीसरी आला सु मेरे छो न क्यूकर समझेगी,


हत्थ छोड़ दे ने गोरी मेरी रहन एन गेल्या की,

मैं जिंदगी ना दे सकता तन्ने राजे छैला की,


मैं भोला पर्वत का रे तू रानी मेहला की,

तेरी मेरी पार पड़े ना बेवकूफ लिखी पहली की,


मैं भोला पर्वत का रे तू रानी मेहला की,

तेरी मेरी पार पड़े ना बेवकूफ लिखी पहली की,


तेरे हाथ एम छले पडज्यांगे जद भंग मेरी तू घोटेगी,

मेरे प्यार के रस में खोके तू सब हसदे हसदे ओतेगी,


मेरे भाग में लिखा कालकूट का ज़हर पड़ेगा पीना रे,

तू देख देख के रोवेगी यो जीना भी के जीना आर,


परिवार नहीं मेरा यारी बहुत अर बेला की,

क्यों छोड़ के आवे सुख छोरी तू रानी मैना की,


मैं भोला पर्वत का रे तू रानी मेहला की,

टेरी मेरी पार पड़े ना बहस लिखी पहला की,


मैं भोला पर्वत का रे तू रानी मेहला की,

तेरी मेरी पार पड़े ना बेवकूफ लिखी पहली की,


गल नाग रहवे निर्भग रहवे,

मेरे चौतरफे के आग रहवे,


मेरा गुरु अंगिरा ऋषि होया,

अलबेले तांडव राग राहवे,


एक डमरू एस एक लोटा एस,

अर एक यो कुंडी सोता एस,


तू प्रीत लगवाए कदे बटा,

मेरा भाग कसुता खोटा एस,


मैं समझ गया सारी पीड़ा तेरे नैना की,

क्यों भागी बनी इस जीवन में तू काली रैना की,


मैं भोला पर्वत का रे तू रानी मेहला की,

तेरी मेरी पार पड़े ना बेवकूफ लिखी पहली की,


मैं भोला पर्वत का रे तू रानी मेहला की,

तेरी मेरी पार पड़े ना बेवकूफ लिखी पहली की



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