कर भजन हर श्वास भजन इन हिंदी | रमेश महाराज | सिंगाजी भजन | निमाड़ी भजन | निमाड़ी भजन संग्रह

Deepak Kumar Bind

मन तू कर भजन हर श्वास रे 

कर भजन हर श्वास रे मन तू 

कर भजन हर श्वास रे

हो थारो जीवन बणग बड़ो खास रे 

|| मन तू कर भजन हर श्वास रे ||    


लख चौरासी का फेरा जो खायो,

जब जाई न तुन नर तन पायो,

आयो अवसर थारा पास रे,

|| मन तू कर भजन हर श्वास रे ||    


पांच तत्व की या काया बणाई,

तिन गुण की एम डोर लगाई,

अब कर भजन की आस रे,

|| मन तू कर भजन हर श्वास रे ||    


नाम बिना तो थारो कोई नी संगाति,

या माया तो भाई आती जाती,

नही रहण की थारा पास रे,

|| मन तू कर भजन हर श्वास रे ||    


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